सुमंगला योजना में फर्जीवाड़े के दोषियों पर कार्रवाई के आदेश
डीएम ने एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया।
जागरण संवाददाता, कानपुर : मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में 258 अपात्रों को पात्र बनाने के मामले में दोषी लेखपालों और पंचायत सचिवों पर तीन माह बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है। मामला संज्ञान में आने के बाद डीएम विशाख जी अय्यर ने उप जिलाधिकारियों (एसडीएम) और खंड विकास अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने और 16 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट जिला प्रोबेशन अधिकारी को भेजने के लिए कहा है। इस मामले में पंचायत सचिवों और लेखपालों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है।
कन्या सुमंगला योजना में उन्हें पात्र माना जाता है जिनकी दो बेटियां हों। बेटियों का जन्म एक अप्रैल 2018 या उससे के बाद हुआ हो और उनके पिता की आय तीन लाख रुपये तक वार्षिक हो। अगर दूसरी बेटी जुड़वा पैदा होती है तो तीसरी को भी योजना का लाभ मिलेगा, लेकिन यहां योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ। जिनकी चार बेटियां थीं उन्हें भी पात्र मानते हुए लेखपालों और पंचायत सचिवों ने रिपोर्ट भेज दी और उन्हें योजना का लाभ अनुमन्य हो गया। यह तो संयोग ही था कि मुख्य विकास अधिकारी डा. महेंद्र कुमार ने जांच कराई तो मामला सामने आ गया। 258 लाभार्थी अपात्र पाए गए। इस मामले में तत्कालीन डीएम आलोक कुमार ने मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब डीएम ने इसे संज्ञान में लिया है और एसडीएम सदर व बिल्हौर, खंड विकास अधिकारी पतारा, घाटमपुर, चौबेपुर, बिधनू, सरसौल और कल्याणपुर को पत्र लिखकर दंडात्मक कार्रवाई का आदेश दिया है।
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त्योहारों के बाद बिजली अभियंताओं का आंदोलन पकड़ेगा रफ्तार
जासं, कानपुर : वेतन विसंगतियां दूर करने व अन्य मांगों को लेकर बिजली अभियंता व अवर अभियंता आंदोलन कर रहे है। अभियंताओं ने त्योहारों के मद्देनजर आंदोलन को स्थगित कर दिया है। उत्तर प्रदेश विद्युत परिषद अभियंता संघ के क्षेत्रीय सचिव अजय आनंद ने कहा कि दुर्गापूजा, दशहरा सहित अन्य त्योहारों को देखते हुए अभियान को 19 अक्टूबर तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। 20 अक्टूबर से आंदोलन दोबारा शुरू किया जाएगा। 26 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जाएगा।