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विरोधी भी मुखर विरोध नहीं कर पाते थे एनडी तिवारी का

राजनीति के धुरंधर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी का विरोधी भी मुखर विरोध नहीं कर पाते थे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 01:05 AM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 01:05 AM (IST)
विरोधी भी मुखर विरोध नहीं कर पाते थे एनडी तिवारी का
विरोधी भी मुखर विरोध नहीं कर पाते थे एनडी तिवारी का

जागरण संवाददाता, कानपुर : राजनीति के धुरंधर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी का विरोधी भी मुखर विरोध नहीं कर पाते थे। यह उनकी राजनीतिक काबिलियत ही थी कि विपक्षी उन्हें सम्मान देते थे। नारायण दत्त तिवारी ¨हदी शोध केंद्र के संचालक राजीव रंजन पांडेय उस वाकये को कभी भूल नहीं पाते जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी उनके पहुंचने की सूचना पर मिलने आ गए थे।

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वह बताते हैं कि वर्ष 1998 में तिवारी जी के साथ दिल्ली गए थे। प्रधानमंत्री निवास में सत्यमित्रानंद गिरी महाराज का अभिनंदन समारोह था। कार्यक्रम समापन के बाद अटल जी आवास पर चले गए। तिवारी जी उनके पीए से मिले और बोले, प्रधानमंत्री जी से भेंट करना चाहता हूं लेकिन, मैंने समय नहीं लिया है। पीए ने अटलजी को सूचना दी तो वह तुरंत बाहर आए और हाथ पकड़कर अंदर ले गए। मुझे भी बहुत स्नेह दिया।

राजीव रंजन बताते हैं कि पिता पद्मश्री श्याम नारायण पांडेय ने वर्ष 2000 में कल्याणपुर बिठूर रोड पर एनडी तिवारी ¨हदी शोध केंद्र की नींव रखी थी। वर्ष 1994 में केंद्र को अपना भवन प्राप्त हुआ जिसमें तिवारी जी ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। ¨हदी, संस्कृत और अन्य भाषाओं में छात्र-छात्राएं यहां शोध करते रहे हैं और 100 से ज्यादा पीएचडी छात्र यहां से निकले।

नेहरू युवा केंद्र के निदेशक और तिवारी जी के करीबी लक्ष्मीकांत त्रिपाठी बताते हैं कि उन दिनों तिवारी जी ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष थे। मध्यप्रदेश में पंचमणि अधिवेशन हुआ जिसमें तय हुआ कि युवाओं के भीतर छिपे रचनात्मक और सकारात्मक गुणों को बाहर लाने और उन्हें क्रियाशील बनाने के लिए एक गैर राजनीतिक संगठन होना चाहिए। इसके बाद देश भर में नेहरू युवा केंद्र की स्थापना हुई। फूलबाग में एनडी तिवारी ने इसकी नींव रखी। वर्ष 1967 में दिल्ली में नेहरू युवा केंद्र का रजिस्ट्रेशन कराया गया। जाजमऊ में शिविर में दौरान वह शामिल हुए और युवाओं को महत्वपूर्ण बातें बताई।


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