CBSE: कानपुर के स्कूलों में पढ़ाई का सच, 25 फीसद बच्चे ही रहते ऑनलाइन
सीबीएसई स्कूलों के प्रधानाचार्यों द्वारा कराए गए सर्वे से आंकड़ा सामने आने के बाद चिंता बढ़ गई है। लॉकडाउन के बीच कई अभिभावकों ने बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई में रुचि नहीं दिखाई है। अब ऑनलाइन पढ़ाई न करने वाले बच्चों की परीक्षा और रिजल्ट को लेकर असमंजस बना है।
कानपुर, जेएनएन। वैसे तो हर साल जब स्कूलों में अप्रैल से नया सत्र शुरू होता था तो पूरे साल भर अभिभावक अपने लाडले की पढ़ाई का खूब ध्यान रखते थे। वह स्कूलों में होने वाली पैरेंट्स टीचर मीटिंग में बेटे की प्रोग्रेस को लेकर फिक्र करते थे। हालांकि इस सत्र में सीबीएसई स्कूलों से संबद्ध महज 25 फीसद अभिभावकों ने ही अपने बच्चों को लगातार ऑनलाइन पढ़ाई कराई। 75 फीसद अभिभावकों ने फीस जमा न करने, संसाधन उपलब्ध न होने के चलते बेटे या बेटी को पढ़ाई से दूर ही रखा। यह बात तब निकलकर सामने आई, जब सीबीएसई स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने सर्वे कराकर रिपोर्ट तैयार की।
सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर बलविंदर सिंह ने बताया कि जब अक्टूबर में स्कूल खुल गए तब भी नौवीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों को स्कूल भेजने में अभिभावकों ने सहमति पत्र नहीं दिया। न ही उन्होंने इस बात का ध्यान रखा, कि उनका बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई कर भी रहा है या नहीं।
यूपी बोर्ड में भी हजारों छात्र नहीं कर पा रहे पढ़ाई कहने को तो अप्रैल से ही यूपी बोर्ड ने छात्रों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर कई तरह के विकल्प उपलब्ध करा दिए थे। हालांकि हकीकत यह है, कि यूपी बोर्ड से संबद्ध हजारों छात्र-छात्राएं नियमित रूप से ऑनलाइन कक्षाओं में हिस्सा नहीं ले पा रहे। जानकारों का कहना है, कि जब बोर्ड व गृह परीक्षाएं होंगी तो ऐसे छात्रों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना होगा।