कानपुर के सरकारी स्कूलों में बच्चों की आनलाइन पढ़ाई पर लगा ब्रेक, जानिए - क्या कहते हैं अधिकारी
एक मई से लेकर 20 मई तक सरकार ने आनलाइन स्टडीज पर भी आंशिक रोक लगा दी थी। हालांकि उसके बाद जब 21 मई से पढ़ाई फिर से शुरू कराने को कहा गया तो शिक्षकों के लाख जतन के बावजूद 10 फीसद बच्चे ही जुड़ सके।
कानपुर, जेएनएन। सरकार भले ही यह दावा कर रही हो, कि परिषदीय व उच्च परिषदीय विद्यालयों में ई-पाठशाला के माध्यम से पढ़ाई कराई जाने लगी है। हालांकि हकीकत यह है कि महज 10 फीसद बच्चे ही आनलाइन पढ़ाई से जुड़ पा रहे हैं। एक मई से लेकर 20 मई तक सरकार ने आनलाइन स्टडीज पर भी आंशिक रोक लगा दी थी। हालांकि उसके बाद जब 21 मई से पढ़ाई फिर से शुरू कराने को कहा गया तो शिक्षकों के लाख जतन के बावजूद 10 फीसद बच्चे ही जुड़ सके। इस काम में वैसे तो विभाग ने शिक्षकों की अच्छी खासी फौज लगा दी है, मगर सवाल यह है कि बच्चे कहां से आएंगे। दरअसल इन दिनों अधिकतर बच्चे स्कूल बंद होने के चलते अपने परिचितों के घर या फिर गांव चले जाते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें आनलाइन पढ़ा पाना बेहद चुनौतीभरा होता है।
दीक्षा समेत अन्य एप से हैं पढ़ाने के निर्देश: बेसिक शिक्षा विभाग से जो ई-पाठशाला को लेकर निर्देश जारी हुए हैं, उनमें दीक्षा समेत अन्य एप का उपयोग कर पढ़ाने के लिए कहा गया है, परंतु इसे लेकर अभिभावकों का कहना है कि जब उनके पास स्मार्टफोन, लैपटाप आदि का प्रबंध नहीं है तो वह बच्चों को कैसे पढ़ा सकते हैं।
इनका ये है कहना
शिक्षकों, संकुल प्रभारियों, स्टेट रिसोर्स ग्रुप पर्सन आदि से चर्चा कर, अब आनलाइन पढ़ाई को सुचारू रूप से संचालित कराएंगे। कोशिश करेंगे, कि बच्चों को समूह के रूप में पढ़ाया जा सके। हालांकि सभी को कोविड-19 के नियमों का पालन भी करना होगा। - डॉ.पवन तिवारी, बीएसए