यहां कच्चे तेल का भंडार होने की संभावना, ओएनजीसी की टीम को परीक्षण में मिले संकेत
भाऊ बुजुर्ग गांव में ओएनजीसी की टीम ने खेत में बोरिंग करके 70 विस्फोट किए। जमीन के अंदर 45 फीसद कच्चे तेल की मात्रा होने का अनुमान।
कानपुर (जेएनएन)। अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमत और देश में बेतहाशा बढ़ रहे वाहनों में ईंधन की खपत को देखते हुए एक अच्छी खबर है। शहर से करीब 85 किमी दूर एक गांव में कच्चे तेल का भंडार मिलने की संभावना प्रबल हो गई हैं। फिलहाल ओएनजीसी की टीम ने प्राथमिक जांच के बाद जमीन के अंदर 45 फीसद कच्चे तेल की मात्रा होने का अनुमान लगाया है। साथ ही उस जमीन के दो किमी दायरे को चिह्नित कर निशान भी लगा दिया है। अब टीम दोबारा विशेषज्ञों के साथ पड़ताल करेगी।
कोलकाता से आई टीम ने की पड़ताल
आयल एंड नैचुरल गैस कारपोरेशन कोलकाता से 12 सदस्यीय टीम कन्नौज ब्लॉक के गांव भाऊ बुजुर्ग पहुंची थी। रोड किनारे स्थित प्रधान महेश चंद्र के खेत पर परीक्षण करने के लिए 2,500 फुट तीन जगह गहरी बोरिंग की। जमीन के अंदर पाइप के सहारे माइंड डाले गए थे। वहीं खेत खाली कराकर कंप्यूटर समेत अन्य उपकरण भी लगाए थे। प्रधान महेश चंद्र के मुताबिक बुधवार को फिर परीक्षण किया गया। अफसरों ने आसपास के सभी खेत खाली करा दिये। इस दौरान जमीन के अंदर दो-दो मिनट में 70 विस्फोट किए। जमीन के अंदर विस्फोट होने के कारण ज्यादा आवाज बाहर नहीं सुनाई दी। इसके बाद रोड पर कई जगह सांकेतिक निशान बनाए और दो किमी दायरा चिह्नित कर हरे झंडे लगाए हैं। टीम ने जमीन के अंदर 45 फीसद कच्चे तेल की मात्रा होने की संभावना जताई है। टीम ने जल्द दोबारा आने की बात कही है।
तेल व गैस की खोज को परीक्षण कर रही टीम
ग्रामीणों की मानें तो टीम के सदस्यों आपस में बातें करने के दौरान कच्चा तेल व गैस का स्रोत होने की संभावना जताई है। टीम ने मध्य प्रदेश के पटियाली से परीक्षण करना शुरू किया है, जो इलाहाबाद तक होगा। पटियाली से इलाहाबाद के बीच तीन-तीन किमी पर विस्फोट कर तेल की मात्रा जांच रहे हैं। टीम का कहना था कि अब तक के परीक्षण में यहां सर्वाधिक 45 फीसद कच्चा तेल का भंडार होने की संभावना मिली है। पांच फीसद मात्रा में तेल व गैस का उत्पादन कर सकते हैं।
एक साल पहले ले गए थे पानी का सैंपल
गांव में अंकित चतुर्वेदी का करीब 18 बीघे का बाग है। अंकित बताते हैं कि बाग गोवर्धनी मंदिर के पास है, एक साल पहले यहां से एक इंजीनियर गुजरे थे, यहां से वह एक लीटर पानी बोतल में साथ ले गए थे। इसके बाद सोमवार को टीम गांव पहुंची।
डीएम ने तहसीलदार को गांव भेजा
पुलिस विभाग के अलावा परीक्षण की जानकारी डीएम को नहीं दी गई। बुधवार को दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर से मामला संज्ञान में आने पर डीएम रवींद्र कुमार ने तहसीलदार सदर अरविंद को गांव भेजकर पड़ताल कराई। तहसीलदार ने बताया कि ग्रामीणों से पूछताछ में एक सप्ताह पहले परीक्षण किए जाने की जानकारी मिली है। विस्फोट के बाद बोरिंग से निकले बेहद काले पानी का नमूना लिया गया। मंगलवार को दूसरी जगह बोरिंग करके परीक्षण के लिए दो किमी गोधनी गांव तक झंडे लगाए गए हैं।