घाटमपुर में जहरीली शराब पीने से दो और की मौत, घाटमपुर इंस्पेक्टर भी निलंबित
घाटमपुर में जहरीली शराब से अब तक तीन ग्रामीणों की मौत होने से गांवों में कोहराम।
कानपुर, जेएनएन। घाटमपुर के सुखैयापुर गांव में जहरीली शराब पीने से दो ग्रामीणों की मौत के बाद सोमवार सुबह खदरी और उसके पड़ोसी गांव भेलसा के दो किसानों की मौत हो गई। आइजी आलोक सिंह व एसएसपी अनंत देव तिवारी अस्पताल और गांव पहुंच कर ग्रामीणों से बात की। वहीं शराब बेंचने वाले दोनों परचून दुकानदारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्जकर एक को हिरासत में ले लिया। अवैध शराब विक्रेताओं की धरपकड़ के लिए खुद एसएसपी गांव में कैंप कर रहे हैं। घाटमपुर इंस्पेक्टर को भी निलंबित कर दिया गया है।
भीतरगांव के ग्राम खदरी निवासी 58 वर्षीय किसान भोलानाथ के भतीजे सोनू की बरात गुरुवार को सरसौल के खजुरिया गांव गई थी। परिजनों ने बताया कि बरात से लौटकर शुक्रवार शाम भोलानाथ ने गांव में रामशंकर की परचून दुकान से शराब खरीदकर पी थी। रविवार सुबह उल्टी होने लगी । जानकारी पर कालपी से पहुंचे उनके बेटे अरविंद परिजनों संग भीतरगांव सीएचसी ले गए। शाम को भोलानाथ की आंखों की रोशनी कम होने पर दासूकुआं के पास निजी अस्पताल में भर्ती कराया। सोमवार तड़के हालत बिगड़ने पर एलएलआर अस्पताल (हैलट) लाए। जहां उनकी मौत हो गई। इसी दौरान चचेरी बहन की शादी में सूरत से आए 22 वर्षीय उमेश और गांव के किसान 50 वर्षीय बब्बू को भी शराब पीने से हालत बिगड़ने पर अस्पताल लाया गया। उन्होंने भी खदरी गांव में रामशंकर की दुकान से शराब लेकर पी थी। दूसरी तरफ सोमवार शाम भेलसा गांव के 35 वर्षीय किसान सूर्य कुमार की भी तबीयत बिगड़ गई। परिजनों उन्हें सीएचसी ले गए और वहां से एलएलआर अस्पताल लाए, उन्होंने दम तोड़ दिया। पिता रामकेश ने बताया कि सूर्यकुमार ने रविवार रात खदरी गांव में विमल कुशवाहा की परचून दुकान से खरीदकर शराब पी थी। सुबह आंखों में धुंधलापन आने व हालत बिगड़ने पर सीएचसी ले गए थे। देर शाम एलएलआर अस्पताल रेफर किया गया था। इधर खदरी गांव में ही पुणे में कार्यरत होटलकर्मी 26 वर्षीय अभिलेश की भी शराब पीने से तबीयत बिगड़ गई। उसने विमल कुशवाहा की दुकान से ही शराब लेकर पी थी। भोलानाथ का डॉक्टर के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। मौत की वजह स्पष्ट न होने पर विसरा सुरक्षित किया गया।
परचून की दुकान से खरीदी थी शराब
शुक्रवार को घाटमपुर कोरथा गांव के मजरा सुखैयापुर में राजू व सुरेश की परचून दुकानों से शराब खरीदकर पीने से पांच ग्रामीणों की हालत बिगड़ गई थी। वीरेंद्र यादव व शिवशंकर यादव की शनिवार को मौत हो गई, जबकि नरेंद्र, वेद, जीतू को एलएलआर अस्पताल (हैलट) में भर्ती कराया गया था। शनिवार देर शाम अफसरों के पहुंचने पर ग्रामीणों ने पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगा हंगामा किया। जिसके बाद चौकी इंचार्ज वीरेंद्र व दो सिपाहियों को निलंबित किया गया था। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए रविवार को भी गांव में फोर्स तैनात रहा। एसएसपी अनंत देव तिवारी ने घाटमपुर इंस्पेक्टर जनार्दन प्रताप सिंह को भी निलंबित कर दिया है। पुलिस ने कई स्थानों पर दबिश दी, लेकिन आरोपितों का पता नहीं लगा। पुलिस उनके रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही है। एसएसपी ने घाटमपुर थाने की कमान सर्विलांस सेल प्रभारी हरमीत सिंह को सौंपी है। साढ़ चौकी की जिम्मेदारी दारोगा गणेश कुमार सिंह को दी ही।
बेटियों के हाथ पीले नहीं कर सके शिवशंकर
शिवशंकर यादव की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पत्नी शिवप्यारी का बुरा हाल है। शिवशंकर तीन बेटियों में बड़ी बेटी रूबी की ही शादी कर सके थे। दो छोटी बेटियों रश्मि व रुचि के हाथ पीले करने का अरमान पूरा नहीं हो सका। बेटे बबलू ने बताया कि पिता जून में रश्मि की शादी करने की सोच रहे थे। वहीं वीरेंद्र के बुजुर्ग पिता राज नारायण यादव व बड़े भाई नरेंद्र भी बेहाल हैं। पिता ने कहा कि वीरेंद्र खेतीबाड़ी में उनका हाथ बंटाता था। उसकी शादी हुई थी, पर तलाक हो गया था।