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Coronavirus को ‘लॉक’ करने की मंशा ‘डाउन’, कानपुर में एक विदेशी समेत ठहरी हैं दस जमातें

पुलिस ने निजामुद्दीन की जमात में शामिल होने के शक पर सभी को क्वारंटाइन किया गया है।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 12:29 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 12:29 PM (IST)
Coronavirus को ‘लॉक’ करने की मंशा ‘डाउन’, कानपुर में एक विदेशी समेत ठहरी हैं दस जमातें
Coronavirus को ‘लॉक’ करने की मंशा ‘डाउन’, कानपुर में एक विदेशी समेत ठहरी हैं दस जमातें

कानपुर, जेएनएन। दिल्ली के निजामुद्दीन में जुड़ी तब्लीगी जमात में शामिल लोगों के शहर में आने और शहर में पहले से ही कई तब्लीगी जमातें रुकी होने से कोरोना वायरस को ‘लॉक’ करने की मंशा ‘डाउन’ होती दिख रही है। कानपुर में इस समय एक विदेशी समेत दस जमातें रुकी हुई हैं। विदेशी जमात 14 मार्च और एक अन्य 21 मार्च को ही कानपुर पहुंची है। दसों जमात में कुल 129 सदस्य हैं।

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विदेशी जमात में शामिल सभी 11 सदस्यों और निजामुद्दीन की जमात में शामिल होने के शक पर गोलाघाट और बुढ़ियाघाट के एक-एक परिवार के 16 सदस्यों, यानी कुल 27 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। विदेशी जमात में शामिल चार अफगानी, तीन ईरानी एक ब्रिटिश व तीन भारतीय नागरिक हैलट अस्पताल में, गोलाघाट के परिवार के नौ सदस्य उर्सला और बुढ़िया घाट के एक ही परिवार के सात सदस्य घर में क्वारंटाइन किए गए हैं।

दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में हुई तब्लीगी जमात में शामिल दो दर्जन जमातियों के कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि से मचे हड़कंप के बीच वहां शामिल हुए लोगों की सूची जारी हुई। पहले तो कानपुर से किसी के शामिल न होने की सूचना मिली। पुलिस-प्रशासन को भी पता नहीं चला। थोड़ी देर बाद गोलाघाट से फोन पर आई शिकायत के बाद प्रशासनिक अमला जागा तो एक-एक कर जमात की जानकारी सामने आने लगी। पता चला कि कानपुर में इस वक्त कुल दस जमात रुकी हुई हैं।

इनमें एक जमात विदेशी, एक-एक हरियाणा व गुजरात और शेष उत्तर प्रदेश की हैं। विदेशी जमात में शामिल तीन भारतीयों में दो इंदौर और एक केरल से हैं। 14 मार्च को यहां आने से पहले विदेशी जमात दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज गई थी। वहां से राजस्थान होते हुए कानपुर आई और बाबूपुरवा स्थित मस्जिद सुफ्फा में ठहरी। जमात को फिर निजामुद्दीन मरकज जाना था लेकिन लॉकडाउन के कारण नहीं जा पाए।

शेष जमातों में 10 से लेकर 19 तक सदस्य हैं। बिजनौर की एक जमात कानपुर में 21 मार्च को पहुंची है। तीन महीने से रुकी गुजरात की जमात को छोड़ दे तो शेष जमातें फरवरी के अंत या मार्च में आई हैं। लॉक डाउन के कारण ये जमातें लौट नहीं पाईं। अब मची खलबली के बीच तब्लीगी जमात के जमातियों का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। ये जमातें विभिन्न मस्जिदों में रुकी हुई हैं और उन्हें वहीं आइसोलेट किया गया है।

विदेशी जमात में शामिल सदस्य

विदेश से आई जमात में ईरान के यजदानी अब्दुल रहीम, फूलादी इब्राहीम व रिगी यूनुस, अफगानिस्तान के साबिर अब्दुल रहीम, जान मोहम्मद जरीनजई, एम बारात रहमतुल्लाह, हाशिमी सय्यद मोहम्मद, इंग्लैंड के दाऊद अय्यूब इस्माइल शामिल है।

दिल्ली से लौटा बुढ़िया घाट का परिवार घर पर क्वारंटाइन

रात में कंट्रोल रूम को जाजमऊ स्थित बुढ़िया घाट पर सात लोगों के दिल्ली के निजामुद्दीन से ही लौटने की सूचना मिली। चकेरी पुलिस वहां पहुंची और स्वास्थ्य टीम बुलाई गई। परिवार के सभी सात सदस्यों की स्क्रीनिंग की गई। किसी में भी कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण नहीं मिले। फिर भी एहतियातन सभी को 15 दिन के लिए घर पर ही क्वारंटाइन कर दिया है। उनके हाथों पर मोहर भी लगाई है।

-शहर में रुकीं तब्लीगी जमात के बारे में एलआइयू से जानकारी मांगी गई है। जमातें कहां-कहां से आई हैं और कहां ठहरी है? इसका पता कर जमात में शामिल लोगों के स्वास्थ्य की जांच कराकर क्वारंटाइन कराया जा रहा है।-डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी, जिलाधिकारी


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