शुक्लांगज में विशेषज्ञों की सलाह पर बंद कराया गया पुराना गंगापुल, पिलर में आई दरारों के कारण खतरा बरकरार
Shuklaganj Ganga Bridge News चार पहिया वाहन नवीन गंगापुल से नहीं निकल सके। मरहला चौराहा व कानपुर कैंट में सर्किट हाउस के पास से सुबह से लेकर शाम के व्यस्त समय में चार पहिया व उससे बड़े वाहनों का रूट डायवर्जन कर दिया गया।
कानपुर, जेएनएन। Shuklaganj Ganga Bridge News शुक्लागंज को कानपुर से जोडऩे वाले पुराना गंगापुल अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया गया है। ब्रिटिश शासनकाल में निर्मित पुल की मियाद खत्म हो चुकी है। इसके बाद भी पुल पर भारी वाहनों का गुजरना जारी था। इससे पुल के सभी पिलर की बेल्ट खुलने के साथ उसमें दरारें पडऩे लगीं हैं। गंगापुल के लिए गठित जांच कमेटी के सदस्यों का मानना है कि 15 दिन भी पुल पर वाहनों का आवागमन हुआ तो पुल गिर जाएगा। कमेटी की रिपोर्ट पर डीएम ने शुक्रवार को शुक्लागंज व कानपुर की ओर से आने वाले रास्ते पर दीवार चुनवा कर पुल को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का आदेश दिया है।
इनका ये है कहना: पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता मुकेश चंद्र शर्मा ने बताया कि टीम ने पिलरों के बाहरी हिस्से को देखा है। यह अंदरूनी रूप से और भी कमजोर हो सकता है। इसलिए आइआइटी के साथ ही सीआरआरआइ (सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट) को पत्र लिखा जाएगा। विशेषज्ञों की जांच रिपोर्ट के बाद फैसला लिया जाएगा।
रूट डायवर्जन से नवीन गंगापुल पर जाम से राहत: रूट डायवर्जन से पीक समय में शुक्रवार को भी जाम लगा रहा। इस वजह से चार पहिया वाहन नवीन गंगापुल से नहीं निकल सके। मरहला चौराहा व कानपुर कैंट में सर्किट हाउस के पास से सुबह से लेकर शाम के व्यस्त समय में चार पहिया व उससे बड़े वाहनों का रूट डायवर्जन कर दिया गया। इससे नवीन गंगापुल पर यातायात का लोड कम रहा, लेकिन कानपुर में कैंट के पास रास्ता सकरा होने के कारण पीक समय में जाम की स्थिति रही।
पुराना गंगापुल के दोनों ओर खड़ी की गई दीवार: बैरियर लगाकर पुल बंद करने के किए गए अस्थायी इंतजाम के कारण वहां पुलिस को पहरेदारी करनी पड़ रही थी। इन चार दिनों में कुछ लोगों ने पैदल पुल को जबरन खोल भी दिया था। यह सब देखते हुए शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड कानपुर के अधिशासी अभियंता ने पहले शुक्लागंज छोर पर पांच फीट ऊंची व नौ इंच चौड़ी दीवार उठवाई, फिर कानपुर छोर पर भी दीवार खड़ी कराते हुए पुल को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया। अधिशासी अभियंता मुकेश चंद्र शर्मा ने बताया कि पुल की चार कोठियों में गहरी दरारें पड़ जाने से उस पर खतरा बढ़ गया है। अब पुल के दोनों तरफ दीवार खड़ी करवा दी गई है ताकि इस पर बिल्कुल आवागमन न हो सके।
अराजक तत्वों ने खोला पैदल पुल: सुरक्षा की दृष्टि से पुराना पुल बंद कर दिए जाने से साइकिल से व पैदल कानपुर जाने वाले राहगीरों को दिक्कत हो रही है। तीसरे दिन शुक्रवार को भी किसी अराजक तत्व ने सुबह के समय पैदल पुल का मेन गेट खोल दिया। दोपहर तक पैदल व साइकिल सवार पुल से निकलते रहे। पुलिस ने तुरंत मेन गेट बंद कराया।