वृद्ध दंपती ने जहर पीकर दी जान
जागरण संवाददाता, कानपुर : चकेरी के श्याम नगर में बुजुर्ग दंपती द्वारा जहर पीकर खुदकशी करने
जागरण संवाददाता, कानपुर : चकेरी के श्याम नगर में बुजुर्ग दंपती द्वारा जहर पीकर खुदकशी करने का मामला प्रकाश में आया है। दंपती की मौत पर जुटी भीड़ देखकर डिप्टी सीएम भी पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी। दंपती अपना मकान छोड़ बेटे के साथ किराए के मकान में पर रहते थे। एसपी पूर्वी अनुराग आर्य व सीओ कैंट अजीत कुमार ने भी छानबीन की। पारिवारिक विवाद के चलते दोनों के जान देने की बात सामने आई है।
किदवईनगर निवासी अरुण मिश्र (65), पत्नी पुष्पा (60) व बेटे मनु के साथ श्याम नगर सी ब्लाक में कमल यादव के मकान में किराए पर रहते थे। शनिवार शाम मनु का दोस्त साहिल जब उससे मिलने घर पहुंचा तो देखा कि बिस्तर पर अरुण व पुष्पा बेसुध हालत में पड़े थे। उनके मुंह से झाग निकल रहा था। साहिल ने मनु को तुरंत फोन किया, पड़ोसियों की मदद से एंबुलेंस बुलाकर दोनों को कांशीराम अस्पताल पहुंचाया। डाक्टरों ने एलएलआर अस्पताल (हैलट) रेफर किया। जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन दंपती के शव घर ले आए।
सूचना पर चकेरी पुलिस भी पहुंची और कमरे की छानबीन की। वहां दूध का गिलास व उसमें सल्फास की गोलियां मिलीं। माना जा रहा है कि दोनों ने दूध में सल्फास मिलाकर पी लिया, खुदकशी कर ली। घटनास्थल पर लगी भीड़ देख अपने काफिला संग गुजर रहे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी गाड़ी रुकवाई। लोगों से जानकारी कर अरुण के घर पहुंच बेटे को सांत्वना दी। चकेरी पुलिस को सही से जांच करने का निर्देश देकर वह चले गए।
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विवाद के चलते छोड़ा था मकान
अरुण व पुष्पा की मौत के बाद बेटे का बुरा हाल था। उसने उनके खुदकशी के कारण की जानकारी से इंकार किया। कहा कि सुबह जब वह आफिस जा रहा था तो मम्मी-पापा अच्छे से बात कर रहे थे। बताया कि छह माह पूर्व किदवई नगर से परिवार समेत किराए पर रहने आया था। नयागंज में पुश्तैनी मिठाई की दुकान थी, जो बिक गई। लेकिन पिता को रुपये नहीं मिले। विवाद के चलते मकान छोड़ यहां रह रहे थे। इन बातों से वह दुखी रहते थे।
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एक के गम में दूसरे ने दी जान
आशंका है कि अरुण ने दूध में सल्फास मिलाकर पी ली। उनकी मौत के बाद उनकी पत्नी पुष्पा ने भी बचा हुआ दूध पी लिया। जिससे उनकी भी मौत हो गई।
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पुलिस को नहीं दी थी सूचना
दंपती के खुदकशी की सूचना परिजनों ने पुलिस को नहीं दी थी। शव घर लाकर अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली और रिश्तेदारों को भी बुला लिया। उसी वक्त मोहल्लेवालों से पुलिस को जानकारी मिली। परिजनों ने पोस्टमार्टम न कराने की गुहार लगाई लेकिन पुलिस ने शव कब्जे में ले लिए।