अधिकारी लगे कोविड ड्यूटी में, वाणिज्य कर विभाग की ब्याज माफी योजना में शहर में फेल
21 सितंबर तक की रिपोर्ट में कानपुर जोन दो 20 जोन में सबसे नीचे 31 अक्टूबर तक योजना 60 एसी व सीटीओ में 46 की ड्यूटी लगी अभी जोन दो में 172 कारोबारियों से 43.42 लाख रुपये जमा हुए हैं योजना के हैं कई लाभ
कानपुर, जेएनएन। वाणिज्य कर विभाग की ब्याज माफी योजना कानपुर में पिछड़ रही है। इसके पीछे एक कारण अधिकारियों का कोविड ड्यूटी में होना भी है। प्रदेश के 20 जोन में कानपुर का जोन दो 20वें स्थान पर है। उसने 27 फरवरी 2020 को शुरू हुई योजना में अब तक 43.42 लाख रुपये एकत्र किए हैं। गौतमबुद्धनगर 1,065.36 लाख के साथ पहले नंबर पर है। कानपुर का जोन एक उन्नाव और कानपुर देहात के सहयोग से 141.59 लाख रुपये के साथ प्रदेश में आठवें स्थान पर है।
योजना में व्यापार कर, केंद्रीय बिक्रीकर, मनोरंजन कर, प्रवेश कर, वैट के 31 मार्च 2019 तक के वे सभी मामले जुड़े हैं जिनमें आरसी जारी हुई है। योजना 31 अक्टूबर तक चलेगा। कानपुर में जोन वन में 18 हजार और जोन दो में 23 हजार वसूली प्रमाणपत्र जारी हैं। इन सभी को योजना शुरू होने के बाद ही एसएमएस से जानकारी दी गई थी। अभी जोन दो में 172 कारोबारियों से 43.42 लाख रुपये जमा हुए हैं। यह जोन कानपुर नगर के कारोबारियों से जुड़ा है। जोन एक में कानपुर के अलावा कानपुर देहात, उन्नाव भी हैं। बड़ी राशि में बहुत कम ब्याज माफ होने से व्यापारी कम आ रहे हैं। कोविड ड्यूटी में 30 में से 23 सहायक आयुक्त व 30 में से 23 वाणिज्य कर अधिकारी लगे हैं। उपायुक्त पिछले माह कोविड ड्यूटी से हटे हैं। व्यापारी पोर्टल पर योजना चुनता है, लेकिन ब्याज आदि की गणना सही की गई है या नहीं इसकी जांच अधिकारी ही करते हैं।
इनका ये है कहना
कोविड अस्पतालों में अधिकारियों की ड्यूटी लगने से ब्याज माफी का काम काफी कम है। आठ घंटे ड्यूटी के बाद ज्यादातर अधिकारी व्यापारियों से बात नहीं कर रहे। - ओपी सिंह, एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन जोन दो।
- वाणिज्य कर आयुक्त को भी योजना में काफी पीछे रहने के संबंध में पत्र भेजकर बता दिया है कि अफसरों के कोविड ड्यूटी में होने से ब्याज माफी योजना में पीछे हैं। - पीके सिंह एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन जोन वन।
यह भी जानें कि क्या हैं योजना के लाभ
- अगर मूल बकाया 10 लाख तक है तो 75 फीसद ब्याज माफ होगा।
- मूल 10 लाख से एक करोड़ के बीच है तो 50 फीसद ब्याज माफ होगा।
- मूल एक करोड़ से पांच करोड़ रुपये तो 20 फीसद ब्याज माफ होगा।
- पांच करोड़ से अधिक में 10 फीसद ब्याज माफ होगा।
- पेनाल्टी पूरी माफ रहेगी।
- 25 फीसद जमा कर बाकी किस्तों में दिया जा सकता है।