Move to Jagran APP

आंखों में नासूर तो घबराएं नहीं, मेडिकल कॉलेज के नेत्र विशेषज्ञ ने तैयार की बिना चीरा ऑपरेशन की तकनीक

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष ने अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशन के लिए शोध को भेजा है।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 05:08 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 05:08 PM (IST)
आंखों में नासूर तो घबराएं नहीं, मेडिकल कॉलेज के नेत्र विशेषज्ञ ने तैयार की बिना चीरा ऑपरेशन की तकनीक
आंखों में नासूर तो घबराएं नहीं, मेडिकल कॉलेज के नेत्र विशेषज्ञ ने तैयार की बिना चीरा ऑपरेशन की तकनीक

कानपुर, ऋषि दीक्षित। अगर आपकी आंखों में नासूर है तो घबराएं नहीं। अब बिना चीरा दो मिनट में इसका इलाज संभव है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष ने नई तकनीक ईजाद की है। ऑपरेशन की अपेक्षा राहतमंद इस तकनीक से अब तक कई मरीजों को राहत मिल चुकी है। उन्होंने इस शोध को अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशन के लिए भेजा है।

loksabha election banner

लगातार आंसू बहने से होता नासूर

आंख से गले तक आने वाली नली नेजा लेक्ट्राइम डक प्रदूषण, धूल-धुआं और गंदगी की वजह से चोक (ब्लॉक) हो जाती है। इस नली के माध्यम से आंखों से निकलने वाले आंसू सीधे गले तक चले जाते हैं लेकिन जब नली ब्लॉक हो जाती है तो आंखों से लगातार आंसू बहते रहते हैं। समस्या बढऩे पर आंखों में कीचड़ आने लगता है, जिससे नासूर की समस्या होती है। लंबे समय तक नासूर रहने से मवाद पड़ जाता है।

अबतक ऑपरेशन ही था इलाज

आंखों में नासूर का इलाज अब तक ऑपरेशन से ही संभव था। ऑपरेशन से आंख और नाक के बीच की हड्डी काटकर रास्ता बनाया जाता था, जिसमें ढाई से तीन घंटे तक सर्जरी चलती थी। खून अधिक निकलने के साथ ही मरीजों को तीन से चार दिन तक अस्पताल में रुकना पड़ता था। ऑपरेशन की इस प्रक्रिया को डैक्ट्रो सिस्टो राइनोस्टोमी (डीसीआर) कहते हैं। जटिल प्रक्रिया से मरीजों को राहत देने के लिए मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष शोध कर रहे थे, जिसमें उन्होंने कामयाबी पाई।

ऐसे मिलेगी राहत

नई तकनीक में कार्निया की सर्जरी में इस्तेमाल होने वाली एंडो कॉट्री का प्रयोग किया है। इसके जरिये चोक नली के बगल से ड्रिल करते हुए नया रास्ता बनाया। अब तक वह 25 मरीजों का इलाज कर चुके हैं, इसमें महज दो मिनट लगते हैं। इसमें उसी दिन मरीज को घर भेज दिया जाता है।

महिलाओं में अधिक समस्या

नासूर की समस्या गंदगी की वजह से उन लोगों को होती है, जो आंखों की सफाई के प्रति जागरूक नहीं हैं। पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं अधिक पीडि़त होती हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो.परवेज खान का कहना है कि आंख-नाक से गले तक जाने वाली नली, जिसे नेजो लेक्ट्राइम डक कहते हैं में ब्लॉकेज से नासूर होता है। इसके इलाज की नई तकनीक में एंडो काट्री से टिश्यू बर्न करने के साथ ही ड्रिल करते हुए नया रास्ता बनाते हैं। इसमें महज दो मिनट लगते हैं। इसमें चीरा भी नहीं लगाना पड़ता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.