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अब डॉक्टर भी तैयार करेगा आइआइटी, नए सत्र से लगेगी कक्षाएं Kanpur News

नए सत्र में सीट आवंटन के लिए एमसीआइ ने मांगा नवंबर तक आवेदन 800 करोड़ सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल कॉलेज की जमीन चिह्नित।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 11:41 PM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 10:46 AM (IST)
अब डॉक्टर भी तैयार करेगा आइआइटी, नए सत्र से लगेगी कक्षाएं Kanpur News
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कानपुर, जेएनएन। दुनिया भर को बेहतर इंजीनियर और वैज्ञानिक देने वाला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर चिकित्सा क्षेत्र के सुपर स्पेशलिस्ट भी जल्द ही देगा। टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर बनने वाले इस सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने अगले सत्र से ही सीट आवंटित करने की सैद्धांतिक सहमति दे दी है। कौंसिल ने नवंबर तक मेडिकल कॉलेज के प्रारूप सहित आवेदन मांगा है। मेडिकल कॉलेज का शैक्षणिक और प्रशासनिक ब्लॉक आइआइटी परिसर में होगा जबकि क्लीनिकल ट्रेनिंग गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) के लाला लाजपत राय अस्पताल (एलएलआर-हैलट) में। 800 करोड़ रुपये की लागत वाले इस मेडिकल कॉलेज को बनाने के लिए शिवली साइड में 20 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गई है।

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मुंबई के टाटा ट्रस्ट की मदद से आइआइटी में बन रहे इस सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए आइआइटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने जीएसवीएम की प्राचार्य डॉ. आरती लाल चंदानी को तकनीकी सहयोग की जिम्मेदारी दी है। टाटा ट्रस्ट, आइआइटी निदेशक और जीएसवीएम प्राचार्य के बीच बैठक में तय हो चुका है कि प्रशासनिक और शैक्षणिक ब्लॉक आइआइटी परिसर में होंगे जबकि क्लीनिकल ट्रेनिंग जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एलएलआर अस्पताल में। इसके बाद प्रो. आरती लालचंदानी ने दिल्ली में एमसीआइ के सेक्रेटरी जनरल डॉ. आरके वत्स से मिलकर आइआइटी के मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर चर्चा की। एमसीआइ ने सीट आवंटन की सहमति देते हुए नवंबर तक आवेदन मांगा है।

एलएलआर में भी बढ़ेंगे संसाधन

छात्रों को बेहतर क्लीनिकल अनुभव मिले, इसके लिए आइआइटी एलएलआर अस्पताल के इस्तेमाल होने वाले हिस्से में सुविधाएं और संसाधन बढ़ाएगा। यहां बेड, उपकरण और फैकल्टी आइआइटी ही मुहैया कराएगा।

होंगे बड़े शोध

आइआइटी मेडिकल कॉलेज में एड्स और कैंसर जैसे रोगों पर शोध होगा। साथ ही सुपर स्पेशियलटी कोर्स मसलन न्यूरोलॉली, यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, इंडोक्रायनोलॉजी, नेफ्रालॉजी की पढ़ाई होगी। शुरुआती दौर में एमडी और एमएस की कक्षाएं चलने की संभावना है।

क्या बोलीं जीएसवीएम प्राचार्य

एमसीआइ ने सीट आवंटन पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। मेडिकल कॉलेज का प्रारूप तैयार करने के लिए आइआइटी प्रशासन के साथ अगले सप्ताह बैठक है। इसमें सभी औपचारिकताएं पूरी कर एमसीआइ को आवेदन कर दिया जाएगा ताकि नए सत्र से ही सीट आवंटित हो जाए। मई 2020 तक आइआइटी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

-प्रो. आरती लालचंदानी, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज सह नोडल अफसर, आइआइटी मेडिकल कॉलेज।


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