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अब कालेज से हुनरमंद होकर निकलेंगे छात्र-छात्राएं, पहली बार मिलेगा तकनीकी कौशल का प्रशिक्षण

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ने कालेजों को यह छूट दी है कि वोकेशनल कोर्स के लिए वह आइटीआइ पालीटेक्निक व कौशल विकास केंद्र के साथ करार कर सकते हैं। इसमें वह उन कोर्स का चुनाव कर सकेंगे जो छात्रों की रुचि के अनुसार होने के साथ उनके लिए उपयोगी

By Akash DwivediEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 10:03 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 10:03 PM (IST)
अब कालेज से हुनरमंद होकर निकलेंगे छात्र-छात्राएं, पहली बार मिलेगा तकनीकी कौशल का प्रशिक्षण
कानुपर : छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू)

कानुपर, जेएनएन। हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, भूगोल, गणित और विज्ञान जैसे सामान्य विषयों की पढ़ाई करने वाले छात्र अब हुनरमंद होकर डिग्री कालेजों से बाहर निकलेंगे। वह इन सामान्य विषयों के साथ कंप्यूटर, इंटीरियर डिजाइनिंग, मोटर मैकेनिक, एसी-रेफ्ररिजरेटर मैकेनिक व फैशन डिजाइनिंग जैसे 10 से अधिक कोर्स का प्रशिक्षण भी ले सकेंगे। छात्रों को इस तरह तैयार किया जाएगा कि स्नातक व स्नातकोत्तर डिग्री लेने के साथ ही उनके हाथ में नौकरी या स्वरोजगार स्थापित करने का हुनर भी हो।

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छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) ने कालेजों को यह छूट दी है कि वोकेशनल कोर्स के लिए वह आइटीआइ, पालीटेक्निक व कौशल विकास केंद्र के साथ करार कर सकते हैं। इसमें वह उन कोर्स का चुनाव कर सकेंगे, जो छात्रों की रुचि के अनुसार होने के साथ उनके लिए उपयोगी भी हों। इन संस्थानों के अलावा कालेज प्रबंधन मैसिव ओपन लॄनग आनलाइन कोर्स भी वोकेशनल स्टडी में शामिल कर सकते हैं। वोकेशनल कोर्स चुनने के अधिक विकल्प देने का कारण यह है कि स्नातक के चार सेमेस्टर में यह कोर्स अनिवार्य कर दिए गए हैं, जिसमें अलग-अलग चार कोर्स वह चुन सकेंगे। डीन एकेडमिक प्रो. अंशु यादव ने बताया कि विश्वविद्यालय स्तर से भी वोकेशनल कोर्स की सूची बनाई जा रही है। इसके लिए 10 विषयों का चयन किया गया है, लेकिन इनके अलावा भी कालेज प्रबंधन या प्राचार्य अपने स्तर से किसी भी तकनीकी संस्थान के साथ करार करके उन कोर्स को भी वोकेशनल के रूप में शामिल कर सकते हैं। डीएवी डिग्री कालेज के प्राचार्य डा. अमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उनके कालेज में योग, स्किल डिजाइनिंग व पत्रकारिता समेत सात वोकेशनल कोर्स चल रहे हैं। इनको स्नातक के चार सेमेस्टर में लागू किया गया है।

स्ववित्तपोषित महाविद्यालय कर रहे करार : उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि आइटीआइ व पालीटेक्निक से कई डिग्री कालेज करार करने के लिए वार्ता कर रहे हैं। ऐसे कोर्स स्नातक के पाठ्यक्रम से ही जुडऩे का लाभ छात्रों को मिलना तय है।


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