Move to Jagran APP

GST : अब कानपुर तय करेगा प्रदेश में जीएसटी का संग्रह, वसूली और नीलामी

एडीशनल कमिश्नर ग्र्रेड वन की अध्यक्षता में बनी समिति 1976 में बिक्री कर के दौरान बनाया गया था मैनुअल।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 11:59 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 09:51 AM (IST)
GST : अब कानपुर तय करेगा प्रदेश में जीएसटी का संग्रह, वसूली और नीलामी
GST : अब कानपुर तय करेगा प्रदेश में जीएसटी का संग्रह, वसूली और नीलामी

कानपुर, [राजीव सक्सेना]। जीएसटी के तहत उत्तर प्रदेश में किस तरह कर निर्धारण होगा और उसके बाद उसका संग्र्रह, वसूली और जरूरत पडऩे पर नीलामी कैसे होगी, यह कानपुर तय करेगा। एडीशनल कमिश्नर ग्र्रेड वन जोन वन अशफाक अहमद की अध्यक्षता में मैनुअल तैयार करने के लिए समिति गठित की गई है। इसकी कानपुर में पहली बैठक हो चुकी है। समिति तय करेगी कि इन कार्यों के लिए प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी की क्या जिम्मेदारी होगी। इससे पहले संग्र्रह मैनुअल 1976 में बिक्री कर के दौरान तैयार किया गया था। अब 44 वर्ष बाद संग्र्रह मैनुअल बन रहा है।

loksabha election banner

प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी की तय की जाएगी जिम्मेदारी

जीएसटी के तहत एक्ट तो बनाया गया है, लेकिन किस अधिकारी और कर्मचारी को कर निर्धारण, संग्र्रह, वसूली और नीलामी के दौरान अपने पद के हिसाब से क्या कार्य करने हैं, यह राज्य कर विभाग में 44 वर्ष पुराने मैनुअल से तय हो रहा है। हालांकि नियम व पद नाम में बहुत परिवर्तन हो चुका है। बिक्री कर और वाणिज्य कर तो करीब-करीब एक जैसा था लेकिन वैट में काफी परिवर्तन था, इसके बाद भी उस समय संग्र्रह मैनुअल नहीं बन सका था। आखिरकार अब जीएसटी में संग्र्रह मैनुअल तैयार करने की शुरुआत कर दी गई है। प्रदेश में किस तरह से अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होंगी, इसके लिए एडीशनल कमिश्नर की समिति में चार सदस्य भी हैं।

15 मार्च 2020 तक समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी

इसमें कानपुर से संयुक्त आयुक्त केएम मिश्रा, उपायुक्त हरि मिश्रा, डीपी सिंह को शामिल किया गया है। पूरी समिति में कानपुर से बाहर के सिर्फ एक सदस्य मुजफ्फरनगर के संयुक्त आयुक्त राकेश यादव हैं। 15 मार्च तक समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। इस संबंध में कानपुर में हुई पहली बैठक में अधिकारियों ने इस मैनुअल को बनाने पर चर्चा की। इसमें साफ किया गया कि जो कारोबारी वैट से माइग्र्रेट कर जीएसटी में आए हैं, उनकी वैट, प्रवेश कर, केंद्रीय बिक्री कर की कोई देयता निकलती है तो उसकी वसूली की जाएगी। हर बिंदु पर मानीटङ्क्षरग कौन करेगा, इसका भी स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा।

इनका ये है कहना

एक्ट और नियमों में जीएसटी जमा करने और वसूलने की जो प्रक्रिया दी गई है, उसका क्रियान्वयन अधिकारियों और कर्मचारियों में किस तरह किया जाए, यह इस मैनुअल में साफ दिया जाएगा।

-अशफाक अहमद, एडीशनल कमिश्नर ग्र्रेड वन जोन वन, राज्य कर विभाग कानपुर  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.