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इटैलियन नहीं अब स्वदेशी क्रैंपन बूट पहनेंगे जवान, जानिए क्या है इनकी खासियत Kanpur News

अभी इटली व अन्य देशों से हर साल 30-40 हजार बूट आयात हो रहे हैं।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 08:22 AM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 08:22 AM (IST)
इटैलियन नहीं अब स्वदेशी क्रैंपन बूट पहनेंगे जवान, जानिए क्या है इनकी खासियत Kanpur News
इटैलियन नहीं अब स्वदेशी क्रैंपन बूट पहनेंगे जवान, जानिए क्या है इनकी खासियत Kanpur News

कानपुर, [श्रीनारायण मिश्र]। देश की सीमा पर हिफाजत के लिए बर्फीली पोस्ट पर तैनात जवान बर्फ पर चलने के लिए क्रैंपन बूट पहनते हैं। यह बूट अभी तक इटली समेत अन्य देशों से आयात करने पड़ते हैं। जल्द ही जवानों को इसी गुणवत्ता के स्वदेशी बूट पहनने को मिलेंगे। कानपुर की आर्डनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ) ने आइआइटी कानपुर की तकनीकी मदद से यह बूट तैयार किए हैं। जिन्हें परीक्षण के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) को भेज दिया गया है।

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धातु से बने हैं बूट

धातु से बने बूट के बेस की डिजाइनिंग आदि के लिए ओईएफ ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर से सहयोग लिया है। अधिकारियों ने बताया कि सेना की आवश्यकता और विदेशों से मंगाए जा रहे बूटों की गुणवत्ता के अनुरूप क्रैंपन बूट बनाया गया है। इसका सैंपल डीआरडीओ को भेज दिया गया है। कोई सुधार बताया जाता है तो वह भी कर दिया जाएगा। विदेशों से मंगाए जाने वाले बूट के मुकाबले ओईएफ में बना बूट 30 फीसद सस्ता होगा। अभी इटली व अन्य देशों से हर साल 30-40 हजार बूट आयात किए जाते हैं।

सेना के अतिरिक्त भी है इनकी मांग

सेना के साथ ही बर्फीले इलाकों में तैनात सीमा सुरक्षा बल समेत अन्य अद्र्धसैनिक बलों में भी इस बूट की खासी डिमांड है। इसके अलावा पर्वतारोहण करने वालों में भी इसकी मांग है। सेना की सप्लाई शुरू होने के बाद ओईएफ अन्य क्षेत्रों में भी बूट की आपूर्ति का मार्ग तलाशेगी।

बूट की खासियत

  • बूट के बेस में लगे मेटल के नुकीले हिस्से बर्फ में पकड़ बनाते हैं।
  • इसमें दाएं-बाएं और आगे पीछे लगे धातु के एंगल बर्फ के पहाड़ पर चढऩे में मदद करते हैं।
  • ओईएफ में बना क्रैंपन बूट विदेशों के मुकाबले 30 फीसद सस्ता होगा।

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