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व्यापारी अब नहीं कर सकेंगे टैक्स चोरी, आयकर को पता चल जाएगी ऑनलाइन से माल बिक्री

आयकर विभाग ने निर्देेश जारी किए हैं कुल विक्रय मूल्य पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म संचालक पहली अक्टूबर से एक फीसद टीडीएस भी काटेंगे और टीडीएस रिटर्न फाइल करते ही आयकर को ऑनलाइन प्लेटफार्म से माल बिक्री की जानकारी हो जाएगी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 10:59 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 10:59 AM (IST)
व्यापारी अब नहीं कर सकेंगे टैक्स चोरी, आयकर को पता चल जाएगी ऑनलाइन से माल बिक्री
आयकर विभाग का नया नियम लागू होने जा रहा है। प्रतीकात्मक फोटो

कानपुर, जेएनएन। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अपना माल बेचने वाले कारोबारी व उद्यमी अब आयकर विभाग की निगाह से छिप नहीं सकेंगे। एक अक्टूबर से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म संचालकों को कारोबारियों का एक फीसद टीडीएस काटना होगा। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म संचालक जैसे ही टीडीएस रिटर्न फाइल करेंगे, आयकर के पास सभी कारोबारियों की जानकारी आ जाएगी। 

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इस समय बहुत से ऑनलाइन शॉपिंग के प्लेटफॉर्म हैं। इन प्लेटफॉर्म से जुड़कर शहर के बहुत से कारोबारी और उद्यमी अपना सामान बेचते हैं। बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो घर में निर्माण करते हैं और सीधे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए बेच देते हैं। कानपुर में बड़ी संख्या में रेडीमेड गारमेंट निर्माता इन प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं। ये लोग कितना माल बेच रहे हैं, इसकी जानकारी अब तक आयकर विभाग को नहीं हो पाती थी। इसे देखते हुए आयकर विभाग ने ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म को निर्देेश जारी किए हैं।

इसके तहत संचालक को उन लोगों को भुगतान की जाने वाली राशि से कटौती करनी होगी जिनके सामान उनके प्लेटफॉर्म से बिकते हैं। ग्राहक की तरफ से भुगतान संचालक के पास आता है। वह आगे इसे कारोबारी को देता है। अब संचालक एक फीसद कटौती करेंगे। इसके बाद उसे टीडीएस कटौती का रिटर्न भी फाइल करना होगा। इसमें किस कारोबारी से कितनी कटौती की, इसकी जानकारी देनी होगी।

सकल मूल्य पर एक फीसद कटौती की जानकारी होने पर आयकर को यह भी पता चल जाएगा कि पूरी बिक्री कितने रुपये की हुई। साथ ही विभाग यह भी देख सकेगा कि जो लोग आयकर की सीमा में आते हैं, वे रिटर्न दाखिल कर रहे हैं या नहीं। इस मामले में ग्राहकों से कोई कटौती नहीं होगी।

ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ कर अपना माल बेचने या सेवा देने वाले कारोबारी यदि पैन या आधार कार्ड नहीं देंगे तो टीडीएस की दर एक की जगह पांच फीसद होगी। जिन कारोबारियों ने पिछले वित्तीय वर्ष में उस प्लेटफॉर्म से जुड़कर पांच लाख से कम का माल बेचा है, वे इससे बचे रहेंगे। जिन कारोबारी का टीडीएस कटेगा, वे आयकर विभाग से इसके रिफंड के लिए क्लेम कर सकेंगे। -संतोष कुमार गुप्ता, टैक्स सलाहकार


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