अब रिवाल्वर में जीपीएस, ट्रेस हो जाएगी लाइसेंस धारक की लोकेशन
फील्ड गन फैक्ट्री ने रिवाल्वर में जीपीएस का ट्रायल शुरू किया है।
By AbhishekEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 01:29 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 01:29 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। किसी भी वारदात पर अब असलहा लाइसेंसधारक गुमराह नहीं कर पाएंगे, उनके असलहा के लोकेशन को तत्काल ट्रेस कर लिया जाएगा। इससे अपराध पर अंकुश लगने के साथ ही लाइसेंसधारक रिवाल्वर का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। फील्ड गन फैक्ट्री ने रिवाल्वर में बायोमीट्रिक सिस्टम लगाने के बाद अब ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) की स्मार्ट चिप लगाकर ट्रायल शुरू किया है। एक पखवारे में रिपोर्ट आने के बाद जीपीएस फिटेड रिवाल्वर लांच कर दी जाएगी।
फील्ड गन फैक्ट्री के महाप्रबंधक अनिल कुमार ने बताया कि जीपीएस से पता लग सकेगा कि लाइसेंसी रिवाल्वर लेकर धारक कहां-कहां पर गया। इससे अपराधों पर भी अंकुश लगेगा। कहीं अपराध होने पर पता लगने में देर नहीं लगेगी, उस स्थल पर कौन-कौन लाइसेंस धारक हथियार के साथ था। शक के दायरे में आने पर जांच हो सकेगी कि उसकी रिवाल्वर से गोली चली या नहीं। कितने फायर हुए हैं। सफलता मिलने पर प्रयोग अन्य हथियारों पर भी किया जाएगा। वार्ता में अपर महाप्रबंधक दिनेश सिंह और राजीव जैन, सहायक महाप्रबंधक मनोज कुमार मौर्य, सौरभ सिंह चौहान थे।
ठंडा हो रहा रिवाल्वर का मार्केट
हर साल दस हजार रिवाल्वर बेचने वाला आयुध निर्माणी अब एक साल में 1500 रिवाल्वर ही बेच पा रहा है। महाप्रबंधक ने बताया कि लगातार रिवाल्वर की मांग में गिरावट आ रही है। डिमांड के हिसाब से अब रिवाल्वर बनाएंगे।
आतंकी घटनाएं भी तुरंत खुलेंगी
आज ही न्यूजीलैंड में आतंकी हमला हुआ जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए। जब सभी हथियारों में जीपीएस की व्यवस्था हो जाएगी तो सुरक्षा बलों को पता रहेगा कि किसका हथियार कहां है। इसके साथ ही अगर कोई आतंकी घटना हुई तो यह भी पता चल जाएगा कि जिस तरह के हथियार से गोलियां चलीं उस तरह के किन किन लोगों के हथियार वहां थे।
पहाड़ी क्षेत्र के लिए हल्के व ज्यादा मारक क्षमता के हथियार
महाप्रबंधक ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों के लिए सैन्य हथियार की डिजाइन बदली जाएगी। हल्के और ज्यादा मारक क्षमता वाले हथियार और टैंक बनाए जाएंगे ताकि पूर्वी क्षेत्र के दुर्गम इलाकों में आसानी से पहुंचाए जा सकें। टैंक टी 72 भारी था, उसे बंद कर टैंक टी 90 का प्रयोग हो रहा है।
धनुष व सारंग तोप की सप्लाई सेना को जल्द
धनुष तोप की टेस्टिंग हो गई है। सेना ने छह हजार राउंड फायर कर टेस्टिंग की है। राजस्थान, सिक्किम, लेह समेत कई जगह पर टेस्टिंग हो चुकी है। महाप्रबंधक के मुताबिक 114 तोप का आर्डर मिला है जो वित्तीय वर्ष 2019-20 तक देंगे। तीन सौ सारंग तोप का आर्डर मिला है। इसकी भी आपूर्ति आगामी वित्तीय वर्ष में होगी। आयुध निर्माणी को एक्सपोर्ट के लिए तीन तोप का आर्डर मिला है, जिसकी टेस्टिंग चल रही है। रूस के साथ एक हजार टी 90 टैंक के निर्माण का अनुबंध पूरा हो गया है।
सैन्य हथियारों की सर्विस का भी काम मिला
महाप्रबंधक ने बताया कि सेना के हथियारों की सर्विस का भी काम मिला है। बोफोर्स की सप्लाई करने वाली कंपनी यहां पर निर्माण करा रही है। बाहरी कंपनी भी आ रही है। सरसौल में टेस्टिंग रेंज बन रही है जो अड़चनें थीं वो दूर हो गई हैं। इटारसी समेत टेस्टिंग के लिए जो हथियार बाहर जाते हैं, अब नहीं जाएंगे, यही टेस्टिंग हो जाएगी।
आयुध स्थापना दिवस पर हथियारों की प्रदर्शनी
18 मार्च को आयुध स्थापना दिवस पर अरमापुर स्टेट के समाज सदन में हथियारों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इस बार कोई नया हथियार नहीं रखा जा रहा है।
फील्ड गन फैक्ट्री के महाप्रबंधक अनिल कुमार ने बताया कि जीपीएस से पता लग सकेगा कि लाइसेंसी रिवाल्वर लेकर धारक कहां-कहां पर गया। इससे अपराधों पर भी अंकुश लगेगा। कहीं अपराध होने पर पता लगने में देर नहीं लगेगी, उस स्थल पर कौन-कौन लाइसेंस धारक हथियार के साथ था। शक के दायरे में आने पर जांच हो सकेगी कि उसकी रिवाल्वर से गोली चली या नहीं। कितने फायर हुए हैं। सफलता मिलने पर प्रयोग अन्य हथियारों पर भी किया जाएगा। वार्ता में अपर महाप्रबंधक दिनेश सिंह और राजीव जैन, सहायक महाप्रबंधक मनोज कुमार मौर्य, सौरभ सिंह चौहान थे।
ठंडा हो रहा रिवाल्वर का मार्केट
हर साल दस हजार रिवाल्वर बेचने वाला आयुध निर्माणी अब एक साल में 1500 रिवाल्वर ही बेच पा रहा है। महाप्रबंधक ने बताया कि लगातार रिवाल्वर की मांग में गिरावट आ रही है। डिमांड के हिसाब से अब रिवाल्वर बनाएंगे।
आतंकी घटनाएं भी तुरंत खुलेंगी
आज ही न्यूजीलैंड में आतंकी हमला हुआ जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए। जब सभी हथियारों में जीपीएस की व्यवस्था हो जाएगी तो सुरक्षा बलों को पता रहेगा कि किसका हथियार कहां है। इसके साथ ही अगर कोई आतंकी घटना हुई तो यह भी पता चल जाएगा कि जिस तरह के हथियार से गोलियां चलीं उस तरह के किन किन लोगों के हथियार वहां थे।
पहाड़ी क्षेत्र के लिए हल्के व ज्यादा मारक क्षमता के हथियार
महाप्रबंधक ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों के लिए सैन्य हथियार की डिजाइन बदली जाएगी। हल्के और ज्यादा मारक क्षमता वाले हथियार और टैंक बनाए जाएंगे ताकि पूर्वी क्षेत्र के दुर्गम इलाकों में आसानी से पहुंचाए जा सकें। टैंक टी 72 भारी था, उसे बंद कर टैंक टी 90 का प्रयोग हो रहा है।
धनुष व सारंग तोप की सप्लाई सेना को जल्द
धनुष तोप की टेस्टिंग हो गई है। सेना ने छह हजार राउंड फायर कर टेस्टिंग की है। राजस्थान, सिक्किम, लेह समेत कई जगह पर टेस्टिंग हो चुकी है। महाप्रबंधक के मुताबिक 114 तोप का आर्डर मिला है जो वित्तीय वर्ष 2019-20 तक देंगे। तीन सौ सारंग तोप का आर्डर मिला है। इसकी भी आपूर्ति आगामी वित्तीय वर्ष में होगी। आयुध निर्माणी को एक्सपोर्ट के लिए तीन तोप का आर्डर मिला है, जिसकी टेस्टिंग चल रही है। रूस के साथ एक हजार टी 90 टैंक के निर्माण का अनुबंध पूरा हो गया है।
सैन्य हथियारों की सर्विस का भी काम मिला
महाप्रबंधक ने बताया कि सेना के हथियारों की सर्विस का भी काम मिला है। बोफोर्स की सप्लाई करने वाली कंपनी यहां पर निर्माण करा रही है। बाहरी कंपनी भी आ रही है। सरसौल में टेस्टिंग रेंज बन रही है जो अड़चनें थीं वो दूर हो गई हैं। इटारसी समेत टेस्टिंग के लिए जो हथियार बाहर जाते हैं, अब नहीं जाएंगे, यही टेस्टिंग हो जाएगी।
आयुध स्थापना दिवस पर हथियारों की प्रदर्शनी
18 मार्च को आयुध स्थापना दिवस पर अरमापुर स्टेट के समाज सदन में हथियारों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इस बार कोई नया हथियार नहीं रखा जा रहा है।
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