ईवीएम में वोटिंग की सुरक्षा को रैंडम ऑडिट एल्गौरिथम का कवच
साइबर सिक्योरिटी पर आइआइटी के अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में मेलबर्न की प्रो. वैनिसा टैग्यू ने सुझाया तरीका।
कानपुर, जेएनएन। देश में सशक्त लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चुनाव प्रक्रिया मजबूत और पारदर्शी होनी चाहिए। अब जमाना इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का है, तो उसकी सुरक्षा और भी अधिक जरूरी हो गई है। 'मॉलवेयर' के माध्यम से गलत वोटिंग हो सकती है। ऐसे में रैंडम ऑडिट एल्गौरिथम से ईवीएम को सुरक्षित रखा जा सकता है। यह जानकारी मेलबर्न यूनिवर्सिटी की प्रो. वैनिसा टैग्यू ने दी। वह आइआइटी के मोटवानी भवन में साइबर सिक्योरिटी पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में ईवीएम की सुरक्षा पर जानकारी दे रहीं थी।
95 फीसद तक सही वोटिंग की पड़ताल
प्रो. वैनिसा टैग्यू ने बताया कि वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपैट) के साथ रैंडम ऑडिट एल्गौरिथम के जरिये 95 फीसद तक सही वोटिंग की पड़ताल की जा सकती है। इसमें केवल 10-12 फीसद बूथों का आकलन करना होगा। वीवीपैट में मतदाता को मतदान करने के बाद पर्ची मिलती है। सेमिनार का उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने किया। डिप्टी डायरेक्टर प्रो. मणींद्र अग्रवाल, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियङ्क्षरग विभागाध्यक्ष प्रो. संदीप शुक्ला समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
हार्डवेयर हैकिंग रोकने की तैयारी
इजरायल के टेक्नियॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रो. एवी मेनडेल्सन ने बताया कि पूरी दुनिया हार्डवेयर हैकिंग के खतरे से जूझ रही है। साइबर अपराधी सॉफ्टवेयर के साथ ही हार्डवेयर तक में सेंध लगा रहे हैं।
साइबर अपराध पर मिलकर काम करने की मुहिम
इजरायल की तेल अबीव यूनिवर्सिटी के प्रो. ईरान टॉक और हाईफा यूनिवर्सिटी की प्रो. शेया गोरान ने साइबर अपराध पर सभी देशों से मिलकर काम करने का आह्वïान किया। बेल्जियम, यूएसए, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर समेत अन्य देशों के शोधार्थी भी सेमिनार में शामिल हुए। उन्होंने साइबर अपराध को रोकने के लिए कई तरह के प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए।