सीएसआर में लिए गए धन पर एमसीए रखेगा नजर, पंजीयन भी कराना जरूरी
सोसायटियों व फर्मों को सीएसआर के तहत लिए गए धन का अब पूरा ब्योरा देना होगा। सोसायटियों व फर्मों को एमसीए के यहां भी पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। इसके बिना धन खर्च नहीं कर पाएगी कोई भी फर्म।
कानपुर, जेएनएन। कंपनियों से कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के तहत लिए गए धन को खर्च करने वाली सोसायटियां एवं फर्में अब कारपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) की निगाह से बच नहीं सकेंगी। कई सोसायटियां एवं फर्में, सीएसआर द्वारा दिए गए धन को कहां खर्च किया, इसकी जानकारी मंत्रालय को नहीं देती हैं। अब मंत्रालय ने ऐसी सोसायटियों एवं फर्मों को निर्देश दिया है कि वे उसके यहां भी पंजीयन कराएं। इसके बिना सीएसआर के तहत लिए गए धन वे खर्च नहीं कर सकेंगी।
बहुत सी कंपनियां सीएसआर के तहत अवमुक्त धन को स्वयं खर्च करने के बजाए सोसायटियों या फर्मों को धन दे देती हैं। यही नहीं कई बार कंपनियां इन सोसायटियों को धन देने के बाद उसी धन को अपनी दूसरी कंपनियों में लगवा देती हैं। अब इन सोसायटियों एवं फर्मों ने किस कंपनी से धन लिया है एवं यह धन कहां खर्च किया जा रहा है, ये दोनों जानकारियां अब मंत्रालय के पास होंगी।
- इन सोसायटियों को आयकर में कर मुक्ति का पंजीयन कराने के साथ फॉरेन करंसी रेग्यूलेशन एक्ट के तहत भी पंजीयन कराना होगा और इसकी जानकारी मंत्रालय को देनी होगी। -गोपेश साहू, सदस्य, कंपनी सचिव संस्थान, कानपुर चैप्टर।
- एक अप्रैल से यह नियम लागू कर दिया गया है। अब कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के पास यह जानकारी होगी कि सीएसआर के तहत लिए गए धन को कहां व कितना खर्च किया गया है। -केएन श्रीधर, वरिष्ठ कंपनी सचिव।