अब नैक मूल्यांकन के आवेदन में कॉलेजों का नहीं चल सकेगा फर्जीवाड़ा
मुख्यालय से आईं सलाहाकार डा. के. रामा ने बदले हुए नियमों की जानकारी दी। आवेदन के लिए स्थान व समय के साथ अपलोड करने होंगे फोटो।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। राष्ट्रीय प्रत्यायन एवं मूल्यांकन परिषद (नैक) मूल्यांकन के लिए अब कालेज फर्जी दस्तावेजों का सहारा नहीं ले सकेंगे। इसकी आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन कर दी गई है। कॉलेजों को स्थान व समय के साथ दस्तावेज व फोटो अपलोड करने होंगे। अभी तक तमाम कॉलेज शिक्षक व छात्रों से लेकर इमारत का फर्जी खाका तैयार कर ऑफलाइन आवेदन कर देते थे।
बुधवार को बेंगलुरू से आईं नैक की सलाहाकार डा. के. रामा ने आवेदन प्रक्रिया में हुए बदलाव के बारे में बताया। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में हुई कार्यशाला में उन्होंने जानकारी दी कि डिग्री कालेजों के लिए नैक आवेदन करना अनिवार्य कर दिया गया है इसलिए इसका पोर्टल पूरे साल खुला रहेगा। अभी तक सिर्फ जुलाई और दिसंबर माह में ही आवेदन किया जा सकता था।
तीन बार ए ग्रेड तो सात साल का मौका
डा. के. रामा ने बताया कि नए कालेजों को पांच साल बाद नैक के लिए आवेदन करना होगा जबकि तीन बार 'एÓ ग्रेड प्राप्त कॉलेजों को सात साल का मौका मिलेगा। बी ग्रेड वाले कॉलेज पांच साल बाद, और सी ग्रेड वाले कॉलेजों को तीन साल बाद दोबारा आवेदन करना होगा। डी व ई गे्रड प्राप्त करने वाले कालेज हर साल ग्रेडिंग कराएंगे।
आठ हजार कॉलेजों की हो चुकी है ग्रेडिंग
देशभर में आठ हजार से अधिक कालेज नैक मूल्यांकन करा चुके हैं। इसमें छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध 34 कॉलेज शामिल हैं। आने वाले समय में 100 कॉलेजों का लक्ष्य रखा गया है। कार्यशाला में क्राइस्ट चर्च, पीपीएन, पीएसआइटी, बाबू जयंशकर प्रसाद उन्नाव, कानपुर विद्या मंदिर, डीएवी, अर्मापुर डिग्री कालेज समेत करीब सौ कालेज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मौके पर नैक की उप सलाहाकार डा. सुजाता शानबाग, सीएसजेएमयू कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता के अलावा डा. संदीप सिंह, डा. सुधांशु पांडिया, डा. संदेश गुप्ता, डा. बृजेश स्वरूप कटियार, डा. अंशु यादव व डा. शास्वत कटियार समेत अन्य शिक्षक मौजूद रहे।
छात्रों से लिया जाएगा फीडबैक
नैक मूल्यांकन के दौरान निरीक्षण के लिए आने वाली टीम सिर्फ कक्षाएं, प्रयोगशालाएं और शिक्षकों की संख्या देखकर निर्णय नहीं लेगी। नए नियम के अनुसार टीम छात्रों से सीधे सवाल पूछेगी और जवाब के आधार पर ही ग्रेडिंग तय करेगी। इसके लिए टीम कालेज से 20 छात्रों का फोन नंबर व उनकी ईमेल आइडी लेगी। उनमें से किसी भी दस छात्रों से फीडबैक लिया जाएगा।