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ग्रीन कॉरीडोर परियोजना : कानपुर से दिल्ली तक हाईवे पर अब 40 किलोमीटर पर होंगे सीएनजी पंप

परियोजना पर इंद्रप्रस्थ, सीयूजीएल, गेल व ग्रीन गैस काम कर रहे हैं। एक साल में 50 नए सीएनजी पंप स्थापित करने का लक्ष्य है।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 23 Dec 2018 06:42 PM (IST)Updated: Mon, 24 Dec 2018 11:51 AM (IST)
ग्रीन कॉरीडोर परियोजना : कानपुर से दिल्ली तक हाईवे पर अब 40 किलोमीटर पर होंगे सीएनजी पंप
ग्रीन कॉरीडोर परियोजना : कानपुर से दिल्ली तक हाईवे पर अब 40 किलोमीटर पर होंगे सीएनजी पंप
कानपुर, जेएनएन। दिल्ली तक सफर में सीएनजी वाहन अभी तक फायदेमंद साबित नहीं हो रहे थे। हाईवे पर सीएनजी पंप न होने की वजह से पेट्रोल और डीजल की निर्भरता रहती है। अब बहुत जल्द दिल्ली तक सफर में सीएनजी से वाहन दौड़ते नजर आएंगे। दिल्ली ही नहीं चंडीगढ़ और मुंबई-पुणे के लिए हाईवे पर सीएनजी की उपलब्धता सुलभ हो जाएगी। क्योंकि ग्रीन कॉरीडोर परियोजना के तहत अब कानपुर-दिल्ली के बीच हर चालीस किलोमीटर की दूरी पर सीएनजी पंप स्थापित किए जाएंगे। इससे न सिर्फ हाईवे पर प्रदूषण नियंत्रित रहेगा, वहीं वाहन चालकों पर भी ईंधन खपत का आर्थिक बोझ कम होगा।
ग्रीन कॉरीडोर के तहत हाईवे पर बढ़ेंगे सीएनजी पंप
दिल्ली-कानपुर, दिल्ली-चंडीगढ़ व मुंबई-पुणे हाईवे के बीच चार ग्रीन कॉरीडोर बनाए जा रहे हैं। इसके तहत हाईवे पर सीएनजी पंपों की संख्या बढ़ाई जाएगी। दिल्ली कानपुर में बनाए जाने वाले ग्रीन कॉरीडोर के तहत प्रत्येक 40 किलोमीटर पर सीएनजी पंप स्थापित किए जाएंगे। इस रूट पर सीएनजी पंप की बेहद जरूरत है।
आइआइटी में टेककृति ओपन स्कूल चैंपियनशिप में व्याख्यान देने आए इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के निदेशक (कॉमर्शियल) राजीव सिक्का ने विशेष बातचीत में जानकारी दी कि ग्रीन कॉरीडोर पर इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के अलावा सेंट्रल यूपी गैस लिमिटेड, गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) व ग्रीन गैस काम कर रही हैं। कानपुर से दिल्ली तक सीएनजी पंपों की संख्या पर्याप्त नहीं है। वाहनों के लिए अधिक जरूरत है। पंपों के बीच दूरी अधिक है, जिसे कम करने के लिए योजना बनाई गई है। इसके लिए जगह तलाशी जा रही हैं।
इस वर्ष 50 पंप स्थापना का लक्ष्य
राजीव सिक्का ने बताया कि इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड का लक्ष्य इस वर्ष 50 नए सीएनजी पंप स्थापित करने के साथ दो लाख शहरवासियों तक घरेलू गैस पहुंचाना है। दिल्ली एनसीआर के शहरों में गैस पहुंचाने के लिए खाका तैयार कर लिया गया है। इसमें नोएडा व ग्रेटर नोएडा जैसे हाईटेक सिटी भी शामिल हैं।

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