पूर्वा एक्सप्रेस हादसे में अब मुख्य संरक्षा आयुक्त करेंगे जांच, एटीएस ने दी क्लीन चिट
23 अप्रैल को घटनास्थल पर आएगी टीम ट्रेन चालक व गार्ड से भी करेगी पूछताछ।
कानपुर, जेएनएन। आतंकी साजिश को लेकर पड़ताल के बाद एटीएस की तरफ से तकरीबन क्लीन चिट मिलने के बाद पूर्वा एक्सप्रेस हादसे की जांच मानवीय चूक और तकनीकी खामियों पर टिक गई है। अब मुख्य संरक्षा आयुक्त एके जैन की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम घटना की जांच करेगी। वह टीम के साथ 23 अप्रैल को आएंगे, उनके साथ ट्रैक, सिग्नल, ओएचई, संचालन से जुड़े कई अधिकारी शामिल होंगे। ट्रेन के चालक, गार्ड, सचल टिकट दल, स्टेशन मास्टर, ट्रैक मेंटीनेंस से जुड़े लोगों के अलावा यात्रियों के भी कलमबंद बयान होंगे।
दो टुकड़ों में बंट गई थी ट्रेन
हावड़ा-दिल्ली रेल रूट पर पूर्वा एक्सप्रेस कानपुर से पहले रूमा के पास शुक्रवार देर रात 12.42 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे के समय ट्रेन दो टुकड़ों में बंट गई। पैंट्री कार समेत दस डिब्बे पलटकर तीन फीट गहरे खेत की तरफ गिर गए। डो डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे में कुल 67 लोग घायल हुए। इनमें से 52 का मौके पर उपचार कर गंतव्य पर भेज दिया गया जबकि 15 को अस्पताल लाया गया। तीन यात्री को अधिक चोटें हैं। जीएम उत्तर मध्य रेलवे राजीव चौधरी व डीआरएम अमिताभ कुमार भी घटनास्थल पर पहुंचे। जीएम ने बताया कि हादसे के सही कारणों को पता करने के लिए सीआरएस जांच के आदेश दिए गए हैं। उत्तर रेलवे के पीआरओ अमित मालवीय ने हादसे में 15 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। चार घायलों को प्राथमिक तौर पर 5000 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है।
आतंकी साजिश की भी जांच
रेल हादसा कहीं आतंकी साजिश तो नहीं है, इसकी जांच के लिए यूपी एटीएस की टीम भी पहुंची। हालांकि टीम को अभी तक अब तक किसी साजिश के सबूत नहीं मिले हैं। एटीएस ने घटनास्थल के कई साक्ष्य उठाए हैं।
इन बिंदुओं पर टिकी जांच
- हादसे के समय ट्रेन की चाल कितनी थी। उसकी निर्धारित गति क्या है। हादसे के समय इंजन स्पीड का कंप्यूटराइज्ड रिकार्ड क्या है।
- रूमा स्टेशन मास्टर की चालक या गार्ड से हादसे से पहले वाकी टाकी पर कोई वार्ता हुई क्या।
- हादसे के समय पूर्वा एक्सप्रेस के चालक, सहायक चालक की मानसिक स्थिति।
- घटनास्थल में क्षतिग्रस्त हुए ट्रैक प्वाइंट की जांच कब हुई थी ।
- घटनास्थल के पास ट्रैक में अधिक उछाल तो नहीं था ।
- रूमा स्टेशन से ट्रेन से गुजरते समय एसएम को कोई गड़बड़ी दिखी क्या, गड़बड़ी दिखी तो किससे संपर्क किया।
- चालक ने क्या कदम उठाया, किस उच्च अधिकारी को घटना की जानकारी दी।
- गार्ड ने हादसे के समय क्या कदम उठाया।
- कपलिंग ढीली थी तो चालक को पता क्यों नहीं चला।
- क्या इलाहाबाद स्टेशन पर ट्रेन के कपलिंग की जांच हुई थी, किसने की।
- ट्रैक के उन टुकड़ों की जांच, जो हादसे के समय टूट गए, मुड़ गए या उनकी क्या स्थिति रही ।
- पटरी से उतरने के बाद ट्रेन लंबी दूरी तक कैसे गई और चालक ने ब्रेक क्यों नहीं लगाया।