Move to Jagran APP

ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन में 109 करोड़ का घोटाला, अब सीबीआई ने कसा शिकंजा Kanpur News

बीआइसी दफ्तर में सीबीआइ ने बारह घंटे तक दस्तावेज खंगाले पूरे दिन प्रतिबंधित रहा प्रवेश।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 11:43 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 11:43 AM (IST)
ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन में 109 करोड़ का घोटाला, अब सीबीआई ने कसा शिकंजा Kanpur News
ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन में 109 करोड़ का घोटाला, अब सीबीआई ने कसा शिकंजा Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन में हुए करोड़ों रुपये के जमीन घोटाले में सीबीआइ टीम ने मुख्यालय में लगभग 12 घंटे तक दस्तावेज खंगाले हैं। इस दौरान दफ्तर में कर्मचारियों और लोगों का भी प्रवेश प्रतिबंधित रहा। बीआइसी की संपत्तियों को बेचने में घोटाले का राजफाश तब हुआ था जब भारत के महालेखा परीक्षक एवं नियंत्रक (कैग) ने वर्ष 2007 में ऑडिट में संपत्तियों की बिक्री में 109 करोड़ रुपये के राजस्व हानि का पर्दाफाश किया था।

loksabha election banner

जानिए क्या है पूरा मामला

बीआइसी ने करीब 58 करोड़ रुपये का कर्ज निपटाने के लिए वर्ष 2000 में अपनी संपत्तियां बेचने की शुरुआत की थी। चार सालों में करीब चार दर्जन संपत्तियां बेच दी गई थीं। इन संपत्तियों को सौ रुपये के स्टांप पर एग्रीमेंट टू सेल के जरिये बेचा गया था। इसकी जानकारी पर प्रशासन ने एग्रीमेंट निरस्त कर दिया। लेकिन बाद में फिर इन संपत्तियों को इसी तरह बेचने के आरोप लगे। वर्ष 2007 में कैग ने अपनी रिपोर्ट में इन संपत्तियों के बेचे जाने के तरीके पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार को 109 करोड़ रुपये का घाटा होने का जिक्र किया था। वर्ष 2000 से 2004 के बीच बीआइसी की संपत्ति बेचने में घोटाले के मामले में कपड़ा मंत्रालय ने सीबीआइ जांच की संस्तुति की थी। सीबीआइ ने बीआइसी के कानपुर मुख्यालय पर 10 दिसंबर 2016 को भी छापा मारा था। दिल्ली की टीम ने कई घंटे तक सैकडों दस्तावेज खंगाले। इसके बाद से सीबीआइ की टीम कई बार यहां पर दस्तावेज खंगाल चुकी है।  

12 घंटे तक सीबीआइ ने खंगाले दस्तावेज

मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे सीबीआइ की आठ सदस्यीय टीम वीआइपी रोड स्थित बीआइसी मुख्यालय पहुंची। सीबीआइ ने अंदर केवल उतने ही लोगों को प्रवेश दिया, जिनकी जरूरत थी। इसके बाद प्रवेश प्रतिबंधित कर दिए गए। कर्मचारियों के मोबाइल भी जमा करा लिए। इसके बाद सीबीआइ ने मुख्यालय के हर कार्यालय का दौरा किया और दस्तावेज देखे। सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ ने न केवल जमीन घोटाले से संबंधित दस्तावेज खंगाले बल्कि कुछ अन्य मामलों की फाइल भी अपने कब्जे में ले ली हैं। खास बात यह है कि इस बार सीबीआइ ने किसी भी आरोपित से बातचीत नहीं की। उन्हें कानपुर आने तक की जानकारी नहीं दी गई।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था जांच का आदेश

वर्ष 2008 में कानपुर में ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन की कई संपत्तियों को नीलाम किया गया था। आरोप है कि नीलामी में गड़बड़ी कर करोड़ों रुपये की जमीन कौडिय़ों के दाम बेची गई। पिछले वर्ष एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को आदेश दिया था कि एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच करे। इसके बाद नवंबर 2018 में सीबीआइ ने तत्कालीन सीएमडी केएस दुग्गल और कंपनी सचिव केसी वाजपेयी व अन्य के खिलाफ मुकदमा किया था। 14 मार्च को सीबीआइ टीम कानपुर पहुंची थी। दस्तावेज खंगालने के अलावा आरोपितों से बंद कमरे में लंबी पूछताछ की थी।

सैकड़ों दस्तावेज गायब होने पर देना होगा जवाब

जमीन घोटाले से जुड़ी सैकड़ों फाइलें बीआइसी मुख्यालय से गायब हैं। सीबीआइ ने पूर्व में इन दस्तावेजों के संबंध में पूछताछ की थी। इसके बाद बीआइसी ने दस्तावेज गायब होने को लेकर पुलिस में एफआइआर के लिए तहरीर भी दी थी लेकिन, अब तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। ऐसे में बीआइसी को जवाब देना होगा कि इस प्रकरण में लापरवाही क्यों बरती गई। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.