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अपने आइडिया को आविष्कार में बदल सकेंगे बीटेक छात्र, इंक्यूबेशन सेंटर देगा आगे बढऩे की राह

शहर के तीन तकनीकी संस्थानों में उच स्तरीय टेस्टिंग लैब बन रही है।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 03:27 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 03:27 PM (IST)
अपने आइडिया को आविष्कार में बदल सकेंगे बीटेक छात्र, इंक्यूबेशन सेंटर देगा आगे बढऩे की राह
अपने आइडिया को आविष्कार में बदल सकेंगे बीटेक छात्र, इंक्यूबेशन सेंटर देगा आगे बढऩे की राह

कानपुर, जेएनएन। छात्रों का आइडिया कॉलेज में दम नहीं तोड़ेगा। अगर आइडिया में दम है तो वह वरिष्ठ प्रोफेसर व वैज्ञानिकों के सहयोग से उसे आविष्कार में बदल सकेंगे। इसके लिए हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू), उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान (यूपीटीटीआइ) व आंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर हैंडीकैप्ड में इंक्यूबेशन सेंटर बन रहे हैं। यहां एक उच्च स्तरीय लैब भी होगी जिसमें प्रयोग कर छात्र आइडिया को आयाम दे सकेंगे।

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प्रोटोटाइप को टेस्ट भी करने का मौका

नए सत्र से बीटेक की पढ़ाई कर रहे या कर चुके छात्रों को इंक्यूबेशन सेंटर की लैब में प्रयोग करने का मौका मिलेगा। इस लैब में ऐसे उपकरण होंगे जो छात्रों के प्रोटोटाइप को टेस्ट कर उसे एप्रूव कर सकेंगे। प्रति कुलपति प्रो. मनोज शुक्ला ने बताया कि अगर छात्र के आइडिया में दम होगा तो उन्हें न केवल तकनीकी सहायता दी जाएगी, बल्कि खुद का बिजनेस स्थापित करने भी मदद की जाएगी। उन्होंने बताया कि 12 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इंक्यूबेशन सेंटर की दो में से एक इमारत का काम पूरा हो चुका है।

25 लाख में बनेगी आधुनिक प्रयोगशाला

डॉ. आंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर हैंडीकैप्ड में 25 लाख रुपये में इंक्यूबेशन सेंटर बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार से इसकी मंजूरी मिल चुकी है। यहां छात्रों के आइडिया को आविष्कार में बदलने के लिए आइआइटी कानपुर का स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर मदद करेगा। संस्थान के इनोवेशन सेल प्रभारी आशुतोष मिश्र ने बताया कि एक्सीलर टेक्नोलॉजी व बीएसएनएल के साथ भी करार किया गया है। इन कंपनियों के लिए भी छात्र तकनीकी विकसित कर सकेंगे।

संस्थान में कर सकेंगे आइडिया की जांच

यूपीटीटीआइ निदेशक प्रो. मुकेश सिंह ने बताया कि 61 लाख रुपये की लागत से बने इनोवेशन सेंटर में छात्र अपने आइडिया की जांच करके उसे आइआइटी तक ले जा सकेंगे। यहां बन रही लैब में आधुनिक मशीनें लगाई जा रही हैं। इसके लिए टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम (टेक्यूप) से आर्थिक मदद ली जा रही है।


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