अब गर्भ में ही सुधरेगी शिशु की सेहत, जन्म के समय नहीं होगी विटामिन की कमी
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग और स्त्री रोग विभाग एक हजार गर्भवती महिलाओं के खून की जांच से शोध कर रहे हैं।
कानपुर, जेएनएन। मातृ और शिशु मृत्युदर कम करने के साथ ही दोनों की सेहत बेहतर बनाने की तैयारी स्वास्थ्य विभाग ने की है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग और स्त्री रोग विभाग प्रसूताओं और उनके होने वाले बच्चे पर शोध कर रहे हैं। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो गर्भ के अंदर ही बच्चे की सेहत को सुधारा जा सकेगा। उन्हें सही समय पर विटामिन के डोज दिए जाएंगे।
विटामिन व अन्य अहम् कारकों की जांच
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जच्चा बच्चा अस्पताल में सात से आठ माह की गर्भवती एक हजार महिलाओं के खून के नमूने लिए जा रहे हैं। उनमें विटामिन ए, बी, सी, डी और अन्य महत्वपूर्ण कारकों की जांच की जा रही है। उसी महिला के प्रसव के बाद होने वाले बच्चे के खून में कारक देखे जा रहे हैं। दोनों कारकों का मिलान किया जाएगा। डॉक्टरों के मुताबिक मां में विटामिन के स्तर का बच्चे में पता चल जाएगा। उनकी पूरी टैली तैयार की जाएगी।
बच्चों की सेहत में आएगा सुधार
बाल रोग विभाग के प्रो. अरुण कुमार आर्या के मुताबिक जन्म के समय कई बच्चों में विटामिन ए, बी, सी, डी आदि की कमी मिलती है। यह तत्व बच्चों की सेहत, रोग प्रतिरोधक, क्षमता विकास आदि में सहायक होते हैं। शोध की सफलता से बच्चों में कमी दूर हो जाएगी। गर्भवती महिलाओं में जिस विटामिन की कमी रहेगी, उसे उसके डोज दिए जा सकेंगे। यह काम स्त्री रोग विशेषज्ञ और गर्भवती की सभी जांच के बाद होगा।
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