Move to Jagran APP

अब रुकेगी कागज की बर्बादी, बॉल पेन से लिखकर गीले कपड़े से मिटा फिर से करें प्रयोग Kanpur News

आइआइटी के इंक्यूबेशन सेंटर में स्थापित स्टार्टअप ने बनाया ईको फ्रेंडली कोटिंग पेपर सिलिका व आक्सजीजन का किया गया प्रयोग।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 02:32 PM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 09:28 AM (IST)
अब रुकेगी कागज की बर्बादी, बॉल पेन से लिखकर गीले कपड़े से मिटा फिर से करें प्रयोग Kanpur News
अब रुकेगी कागज की बर्बादी, बॉल पेन से लिखकर गीले कपड़े से मिटा फिर से करें प्रयोग Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। आपने कभी सोचा है, कागज पर बॉल पेन की लिखावट मिटाकर पेपर को कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है। नहीं न, लेकिन यह सच है। कागज की बर्बादी रोककर पर्यावरण को स्वस्थ बनाने के लिए आइआइटी में ऐसा पेपर तैयार किया गया है जिस पर कई बार लिखा जा सकता है। बॉल पेन की लिखावट को हल्के गीले कपड़े से मिटाकर कागज फिर से लिखने योग्य बना सकते हैं।

prime article banner

आइआइटी के इंक्यूबेशन सेंटर में गिटी टेक स्टार्टअप ने यह कागज तैयार किया गया है। सामान्य कागज पर इको फ्रेंडली मैटीरियल की कोटिंग करके उसे इस प्रकार से बनाया गया है कि उस पर लिखने के बाद स्याही को मिटाया जा सके। केमिकल इंजीनियङ्क्षरग के प्रोफेसर ए. घटक के दिशा निर्देश पर स्टार्टअप कंपनी गिटीटेक के सीईओ नीतीश सिंह ने लंबी शोध के बाद इसे तैयार किया है। उन्होंने बताया कि इसे बनाने में सिलिका और ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया गया है। रविवार को नीतीश सिंह ने आइआइटी के हीरक जयंती समारोह पर स्कूली छात्र छात्राओं को इसके बारे में जानकारी दी। छात्रों ने उनसे कई प्रश्न भी पूछे। प्रश्नों के जवाब में उन्होंने बताया कि छात्र छात्राओं के लिए इस कागज की बुकलेट बनाई गई हैं। यह सस्ती दरों पर उन तक पहुंच सके, इस दिशा में काम किया जा रहा है।

आइआइटी में स्कूली बच्चे बने वैज्ञानिक, बनाया रॉकेट

आइआइटी में स्कूली बच्चों को रोमांच का तब अहसास हुआ जब अपने हाथ से बनाया रॉकेट हवा में उड़ाया। यह रॉकेट एयरोस्पेस के छात्रों ने बनाना सिखाया। इस रॉकेट को दफ्ती, लकड़ी व फाइबर से तैयार किया गया। गन पाउडर व दूसरे ज्वलनशील पदार्थों ने ईंधन का काम किया। आग लगाते ही यह 250 मीटर हवा में तेजी के साथ उड़ चला। वहीं बाल वैज्ञानिकों ने मंगल गृह पर जीवन, एयर टैक्सी व ग्रीन इंडिया समेत कई मॉडल प्रस्तुत किए। उन्होंने मंगल ग्रह पर जीवन, नदी के किनारे एयर टैक्सी स्टैंड व इसरो समेत अन्य विषयों पर मॉडल बनाए।

आइआइटी में सोसाइटी ऑफ एयरोस्पेस इंजीनियर्स ने छात्र छात्राओं को एयर स्ट्रिप व प्रयोगशाला भी दिखाई। शहर के 20 से अधिक स्कूलों के सौ से अधिक छात्रों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में आइआइटी छात्रों ने स्कूली बच्चों को छोटे मानव रहित यान दिखाए व उनके बारे में बताया। इसके अलावा स्कूली बच्चों ने एयरोगामी मॉडल, रॉकेटरी मॉडल व विमान प्रदर्शनी लगाकर अपनी प्रतिभा दिखाई। मॉडल प्रतियोगिता में पहला स्थान विनयस पब्लिक स्कूल, दूसरा ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज व तीसरा स्थान कैलाश सरस्वती इंटर कॉलेज ने प्राप्त किया। कार्यक्रम में निदेशक प्रो. अभय करंदीकर, रजत जयंती वर्ष समारोह के चेयरमैन प्रो. समीर खांडेकर समेत अन्य प्रोफेसर व छात्र छात्राएं मौजूद रहे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.