UP Olympic Association ने विश्वविद्यालयों से गैर ओलंपिक खेल किए 'आउट' Kanpur News
विश्वविद्यालय के खिलाडिय़ों को ओलंपिक खेलों को प्रमुखता दी जाएगी।
कानपुर, [अंकुश शुक्ल]। उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ ने पदकों की संख्या बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर होने वाली खेल प्रतियोगिताओं पर नजर जमा दी है। अब विश्वविद्यालय स्तर पर उन खेलों को ही महत्व दिया जाएगा, जो ओलंपिक खेल में शामिल हैैं। गैर ओलंपिक खेलों को विश्वविद्यालय की खेल सूची से हटा दिया जाएगा। माना गया है कि इन खेलों में धन और समय तो लगता है, लेकिन ये खिलाड़ी देश के लिए पदक जीतने वालों में शामिल नहीं हो पाते हैं और इन खेलों का कोई भविष्य नहीं होता।
इन खेलों को लेकर यूपी ओलंपिक संघ के पत्र के बाद विश्वविद्यालय इन्हें अपनी सूची से हटा रहे हैं। छत्रपति शाहू जी महाराज ने अपने खेल सूची से एक दर्जन से अधिक नाम काट दिए हैं। विश्वविद्यालय स्तर पर कई ऐसे खेल शामिल हैैं, जो ओलंपिक या एशियाड में नहीं खेल जाते हैं। संघ ने ऐसे 100 से ज्यादा से खेलों को चिह्नित किया है। जोनल स्तर पर एक प्रतियोगिता का खर्च दो से ढाई लाख रुपये आ जाता है तो विश्वविद्यालय स्तर पर और अधिक। ऐसे में इन खेलों के अभ्यास और आयोजन समय और पैसा दोनों बेकार हो रहे हैं।
इन गैर ओलंपिक खेलों रोक
रोड बॉल, बॉडी बिल्डिंग, रोप स्किपिंग, टारगेट बॉल, रोलर हॉकी, टग ऑफ वॉर, मिनी गोल्फ, पिनैक फिल्ट, पावर लिफ्टिंग, कोर्स बॉल मिस्ड, किक बॉक्सिंग, इंडोर हॉकी, गटका, फ्लोर बॉल, ई स्पोट्र्स, सर्किल स्टाइल कबड्डी, ब्रिज, बैडमिंटन, बॉल बैडमिंटन, अमरीकन फुटबॉल
इनका ये है कहना
ओलंपिक खेलों को प्रमुखता देने से खिलाडिय़ों का भविष्य बेहतर होगा। विश्वविद्यालयों में खिलाडिय़ों को ओलंपिक खेलों से ही जोड़ा जा रहा है। -रजत आदित्य दीक्षित, स्पोट्र्स चेयरमैन, उप्र ओलंपिक संघ
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में गैर ओलंपिक खेलों पर शुरू से ही रोक है। क्रिकेट के अतिरिक्त अन्य गैर ओलंपिक खेल हटा दिए गए हैं। -डॉ. आरपी सिंह क्रीड़ा सचिव कानपुर विश्वविद्यालय।