नॉन इंजीनियरिंग स्नातक छात्र भी कर सकेंगे अप्रेंटिसशिप
शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड के प्रस्ताव पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय बना रहे योजना।
जागरण संवाददाता, कानपुर : सब कुछ सही रहा तो नॉन इंजीनिय¨रग स्नातक के छात्र भी अप्रेंटिसशिप कर सकेंगे। शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड की ओर से प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) और कौशल विकास मंत्रालय (एमएसडी) की ओर योजना बनाई जा रही है। हालांकि अभी यह तय होना बाकी है, इसे मंजूरी कौन देगा।
शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड की ओर से बीटेक, बीई और तकनीकी डिप्लोमा किए हुए छात्रों को एक साल का अप्रेंटिसशिप कराया जाता है। इसके लिए छात्र-छात्राओं को बोर्ड में पंजीयन कराना होता है। यह व्यवस्था ऑनलाइन शुरू हो गई है। पंजीयन के बाद आवेदकों के पसंदीदा क्षेत्र (निजी या सरकारी संस्थान) या चिन्हित शहरों से प्रशिक्षण कराया जाता है।
किन छात्रों को मिलेगा लाभ
बीए, बीएससी, बीबीए, बीसीए, बीकॉम, बीएसडब्ल्यू, बीटीएम आदि की डिग्री लिए छात्रों को लाभ मिलेगा। वह अपनी दक्षता को प्रशिक्षण के दम पर और अधिक बढ़ा सकते हैं।
2000 कंपनियां करा चुकीं रजिस्ट्रेशन
शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड के अंतर्गत उत्तर भारत के नौ राज्य आते हैं। इनमें अब तक 2000 से अधिक कंपनियां रजिस्ट्रेशन करा चुकी हैं। इनमें सरकारी, गैर सरकारी और तकनीकी संस्थान शामिल हैं।
नॉन टेक्निकल की बढ़ी मांग
सरकारी और निजी संस्थानों में कार्यालय प्रबंधन के लिए नॉन टेक्निकल कोर्स किए हुए छात्रों की मांग है। हालांकि कंपनी यह चाहती है कि आवेदन करने वाला पूरी तरह से दक्ष हो।
'सरकार नॉन टेक्निकल स्नातक डिग्री धारकों के लिए अप्रेंटिसशिप की योजना बना रही है। यह एमएचआरडी और एमएसडी में से किसके अधीन होगा, इसके निर्धारण के बाद योजना मूर्त रूप में आ जाएगी।'
- एसके मेहता, निदेशक, शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड, कानपुर