Move to Jagran APP

जीका वायरस का नहीं कोई इलाज, एडीज मच्छर से फैलती है बीमारी, जानिए- लक्षण और बचाव

कानपुर में जीका वायरस का मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ गई है। संक्रमित मच्छर से बीमारी फैलती है और इस वायरस का इलाज नहीं है। इसलिए मच्छरों से बचाव हर संभव उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 11:52 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 11:52 AM (IST)
जीका वायरस का नहीं कोई इलाज, एडीज मच्छर से फैलती है बीमारी, जानिए- लक्षण और बचाव
बीमार व्यक्ति में 14 दिन में दिखाई देते हैं लक्षण।

कानपुर, जेएनएन। जीका वायरस का फिलहाल कोई इलाज नहीं है। ऐसे में मच्छरों से बचकर रहना ही प्रमुख उपाए है। आमतौर में जीका वायरस जिले ही नहीं उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत में कहीं नहीं पाया जाता है। जिले में पहला केस मिलना भी अपने आप में सवाल है, क्योंकि नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी) की लैब में हुई जांच में पुष्टि हुई है। अभी तक डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया ही कहर बरपा रहे थे। जीका का वायरस मिलने से मच्छरों से बचाव के हर संभव उपाय अपनाने की जरूरत है।

loksabha election banner

एडीज प्रजाति के मच्छर बीमारी के संवाहक

पूर्व जिला महामारी वैज्ञानिक डा. देव सिंह का कहना है कि जीका वायरस का संक्रमण भी मच्छरों के जरिए ही फैलता है। डेंगू, चिकनगुनिया, यलो फीवर और वेस्ट नाइल वायरस के संवाहक एडीज प्रजाति के मच्छर हैं, जिनके काटने से इन बीमारियों के वायरस शरीर में प्रवेश करके संक्रमण फैलाते हैं। इनमें एडीज एब्लोपिक्टस और एडीज एजेप्टी नामक मच्छर अधिक घातक होते हैं। जीका वायरस फ्लेविविरिडे फैमली के फ्लेवी वायरस से संबंधित है। जब यह मच्छर जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो मच्छर भी संक्रमित हो जाता है, उसके बाद जिस भी व्यक्ति को काटता है वह संक्रमित हो जाता है।

जीका वायरस के संक्रमण के लक्षण

शरीर में जीका वायरस के प्रवेश करने के तीन से 14 दिन के भीतर जीका वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखने लगते हैं। जो तीन से सात दिन तक रहते हैं। अगर किसी व्यक्ति को बुखार है, जो लगातार है। दवाएं खाने में न उतरे, साथ ही डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व टायफाइड की जांच में पुष्टि न हो। व्यक्ति विदेश यात्रा अथवा जीका प्रभावित क्षेत्र से लौटा हो। ऐेसे में जीका वायरस की जांच करानी चाहिए।

महिलाओं व गर्भवती के लिए खतरनाक

प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि जीका वायरस भी मच्छर के काटने से फैलता है। जीका वायरस का संवाहक एडीज एजेप्टी नामक मच्छर होता है। इसका मच्छर भी दिन के समय ही काटता है। यह वायरस गर्भवती एवं महिलाओं के लिए अधिक घातक और खतरनाक होता है। वायरस का संक्रमण होने पर वायरस गर्भ में पल रहे बच्चे के ब्रेन पर सीधे अटैक करता है, जिससे बच्चे के सिर का आकार छोटा हो जाता है। बच्चे में विकृति भी आ सकती है। इस मच्छर की वजह से ही डेंगू और चिकुनगुनिया भी फैलता है। आमतौर पर यह वायरस देश के दक्षिण हिस्से के तटीय क्षेत्र में पाया जाता है। मुख्यत: जीका वायरस दक्षिण अफ्रीका के देशों और मध्य अमेरिका में अधिक फैलता है।

जीका के संक्रमण के समान्य लक्षण

सामान्य से तेज बुखार।

शरीर में छोटे-छोटे लाल दाने उभर आना।

आंखों में जलन और लगातार कीचड़ आना।

मांसपेशियों और जोड़ों में भीषण दर्द व ऐठन।

तेज सिरदर्द के साथ बेचैनी भी होना।

जीका के संक्रमण से हो सकती गंभीर समस्या

चलने फिरने में आ जाती लाचारी

जीका वायरस के संक्रमण से बच्चे, बुजुर्ग, वयस्क, महिलाओं व गर्भवती को गंभीर समस्या भी हो सकती है। खासकर गुलियन बेरी सिंड्रोम, न्यूरोपैथी और मायलाइटिस जैसी तंत्रिता तंत्र से संबंधित गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जिसकी वजह से पीडि़त व्यक्ति चलने फिर ने में पूरी तरह से लाचार हो जाता है।

इस तरह करता है हमला

गुलियन बेरी सिंड्रोम पैरों में झुनझुनाहट से समस्या शुरू होती है, धीरे-धीरे व्यक्ति लकवाग्रस्त हो जाता है। उसके बाद दिल की धड़कन असमान्य, चेहरे की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं, जिससे चेहरे के भाव खत्म होने लगते हैं। व्यक्ति को खाने-पीने व निगलने में दिक्कत होती है। फिर झनझनाहट व शरीर में जलन, पेशाब न उतरन और उठने-बैठने व बोलने में समस्या होने के साथ सांस फूलने लगती है।

सीएमओ ने कही ये बात

सीएमओ कानपुर डाॅ नैपाल सिंह का कहना है कि जीका वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। यह भी डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया की तरह ही मच्छर से फैलने वाली बीमारी है। जिस क्षेत्र में मरीज मिला है, उस क्षेत्र में एहतियातन निरोधात्मक कार्रवाई की गई है। क्षेत्र में रहने वालों को मच्छर से बचाव के उपाए अपनाने के लिए जागरूक किया गया है। मेडिकल कालेज के प्राचार्य से बात हुई है। उन्होंने एलएलआर अस्पताल में अलर्ट जारी कर दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.