आयकर की नजर में आईं जय बाजपेई की नौ संपत्तियां, पूछा जाएगा इन्हें खरीदने के लिए आय का स्रोत
इन संपत्तियों में छह संपत्तियां ब्रह्म नगर दो आर्य नगर और एक पनकी क्षेत्र की नोटिस जारी करने की तैयारी।
कानपुर, जेएनएन। विकास दुबे के मनी मैनेजर के रूप में सामने आए जय बाजपेई की नौ संपत्तियों को आयकर विभाग की बेनामी विंग ने अपने निशाने पर लिया है। इसमें ब्रह्म नगर की छह, आर्य नगर की दो व पनकी की एक संपत्ति शामिल है। विभाग इन सभी संपत्तियों को खरीदने के लिए आय के स्रोत क्या रहे यह पूछने के लिए नोटिस जारी करने की तैयारी कर रहा है।
तीन कारों को लावारिस खड़ा करने पर आया था पुलिस की नजर में
बिकरू कांड के बाद जिस तरह से जय बाजपेई ने अपनी तीन काली लग्जरी कारों को लावारिस घर से दूर खड़ा करवा दिया था, उससे वह पुलिस की नजर में आया था। कारों के लावारिस मिलने के पहले एसटीएफ को विकास दुबे और जय बाजपेई की फोटो भी एक साथ मिल चुकी थीं और एसटीएफ उसे एक दिन पहले ही कल्याणपुर थाने में पूछताछ के लिए बुला चुकी थी, लेकिन जिस तरह से कारों को लावारिस छोड़ा गया, उससे वह संदेह के घेरे में आ गया था। इसके बाद एसटीएफ ने जय बाजपेई की संपत्तियों को खंगालना शुरू किया तो पता चला कि कुछ वर्षों में साढ़े चार हजार प्रति माह की नौकरी करने वाला अरबपति बन गया था।
50 करोड़ से अधिक मानी जा रही इन संपत्तियों की कीमत
उसके संपत्तियों की सूची बनी तो अब प्रवर्तन निदेशालय, एसटीएफ के साथ मिलकर आयकर विभाग ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है। आयकर विभाग की बेनामी विंग ने प्रारंभिक तौर पर उसकी नौ संपत्तियों को अपने निशाने पर लिया है। इन संपत्तियों की कीमत 50 करोड़ से अधिक की मानी जा रही है, लेकिन आयकर विभाग यह भी जानना चाहता है कि जिस समय इन संपत्तियों को खरीदा गया, उस समय इनकी कीमत क्या थी और इन संपत्तियों के भुगतान के लिए नकदी या चेक से जो धन दिया गया, क्या वह जय के पास था। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अभी नोटिस देकर जय से पूछताछ की जाएगी। इसमें यह भी जाना जाएगा कि उसने किस-किस संपत्ति में कितनी राशि चेक से दी और कितनी नकद। जो राशि से चेक से दी गई, वह जय के बैंक खाते में किस तरह आई और जो राशि नकद दी गई, वह जय को किसने दी। जिस समय ये संपत्ति खरीदी गईं, उनका सॢकल रेट क्या था।
कानपुर में केशव लाल और सुनीता वर्मा की जांच कर चुका है बेनामी विंग
कानपुर में आयकर की बेनामी विंग इससे पहले वाणिज्य कर विभाग के एडीशनल कमिश्नर रहे केशव लाल और संभागीय परिवहन कार्यालय में आरटीओ प्रवर्तन रहीं सुनीता वर्मा के खिलाफ जांच कर चुकी है। केशव लाल के यहां छापे में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी, कई किलो जेवर और 10 संपत्तियों के कागजात मिले थे। वहीं सुनीता वर्मा के यहां 1.25 करोड़ रुपये की नकदी मिली थी। ये दोनों छापे आयकर विभाग ने अप्रैल 2017 में मारे थे।