एनएचएआइ की टूटी नींद, भरे जाजमऊ पुल के खतरनाक गड्ढे
दिखाई पड़ने लगी थी सरिया, गड्ढों के चलते हिचकोले खाते वाहनों को अब मिलेगी राहत
जागरण संवाददाता, कानपुर: जर्जर हो चुके पुराने जाजमऊ पुल को लेकर आखिर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की नींद टूटी। यातायात में समस्या पर दैनिक जागरण के अभियान के बाद शुक्रवार को पुल में हुए गड्ढों की मरम्मत कर दी गई। एनएचएआइ के अधिकारियों ने कहा है कि आने वाले दिनों में बाकी बचे काम भी पूरे कर दिए जाएंगे।
जाजमऊ पुल पर बरसात के दौरान हर कदम पर गड्ढे हो गए थे। हालात इतने खराब हो गए थे कि कंकरीट लेयर भी टूटनी शुरू हो गई थी और कई स्थानों पर सरिया तक दिखाई पड़ने लगी थी। गड्ढों की वजह से पुल पर जब वाहन गुजरते तो पुल खतरनाक तरीके से हिलता। शुक्रवार को पुल पर बड़े व छोटे गड्ढों को गिट्टी व सीमेंट डालकर भरा गया। उन्नाव की तरफ से लेकर शहर की ओर सभी गड्ढे भरे गए। करीब पांच घंटे तक चले अभियान में सभी गड्ढे भर दिए गए। गड्ढा विहीन पुल देखकर वाहन चालकों को सुखद अनुभूति हुई। वाहन सवार मनमोहन वर्मा, संदीप यादव, रानू सक्सेना व सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि गड्ढों की वजह से पुल पर पहले बेहद धीमी रफ्तार में गुजरना पड़ता था। अब गड्ढे भर जाने के बाद सफर में राहत है। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पुरुषोत्तम लाल चौधरी ने बताया कि पुल के मेंटीनेंस का ठेका हो चुका है। जल्द ही फुटपाथ, रेलिंग और मार्ग प्रकाश व्यवस्था से जुड़ी समस्याएं भी दूर कर दी जाएंगी।
- - - - - - - - - - -
पनकी मंदिर की राह में गढ्डे ही गढ्डे
बुढ़वा मंगल के दिन पवनसुत हनुमान के दर्शन के लिए पनकी मंदिर जाने की तैयारी में हैं तो संभलकर जाएं, क्योंकि दर्शन से पहले सड़क के बड़े- बड़े गढ्डे चुटहिल करने को तैयार बैठे हैं।
भाटिया तिराहे से पनकी मंदिर जाने वाली सड़क पर सालों से हर कदम इतने बड़े गढ्डे हैं कि पैदल चलने वालों के पैरों में मोच आना बड़ी बात नहीं है। आगामी 25 सितंबर को बुढ़वा मंगल के दिन लाखों श्रद्धालु दर्शन करने जाएंगे, लेकिन विभागीय जिम्मेदारों ने अब तक सड़क की सुध नहीं ली है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि सालों से इस सड़क का हाल यही है। कोई ध्यान देने वाला नहीं है। आए दिन राहगीर और वाहन सवार फिसलकर गिरते हैं।
- - - - - - - - - - -
त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत इस सड़क का निर्माण होना है, लेकिन बजट जारी न होने से काम नहीं हो पा रहा है। हालांकि बुढ़वा मंगल को देखते हुए दो से तीन दिनों के अंदर पैचवर्क का काम पूरा करा देंगे।
-एसके सिंह, एक्सईएन लोकनिर्माण विभाग