Move to Jagran APP

मधुमेह व हृदय रोग से बचाएगी गेहूं की नई प्रजाति

कृषि विज्ञानी ने राई से मिलकर बनी गेहूं की नई प्रजाति 'टिटिकल' से औषधीय उत्पाद तैयार किए हैं, जो लोगों को मधुमेह के साथ ही हृदय रोग से बचाएंगे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 25 Jul 2017 12:06 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jul 2017 11:54 AM (IST)
मधुमेह व हृदय रोग से बचाएगी गेहूं की नई प्रजाति
मधुमेह व हृदय रोग से बचाएगी गेहूं की नई प्रजाति

कानपुर [विक्सन सिक्रोडिया]। लंबे समय से खानपान से ही रोगों को दूर करने के प्रयास में जुटे चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) ने एक अहम सफलता हासिल की है। यहां की एक महिला कृषि विज्ञानी ने राई से मिलकर बनी गेहूं की नई प्रजाति 'टिटिकल' से औषधीय उत्पाद तैयार किए हैं, जो लोगों को मधुमेह के साथ ही हृदय रोग से बचाएंगे।

loksabha election banner

टिटिकल गेहूं में फाइबर, ग्लाइसेमिक इंडेक्स व प्रोटीन प्रचुर मात्र में पाए जाने के कारण यह सेहत के लिए लाभदायक है। सीएसए में इस प्रजाति के बीज विकसित किए जा रहे हैं। औषधीय उत्पादों का व्यावसायिक उत्पादन शुरू नहीं हुआ है। इस विश्वविद्यालय में खाद्य विज्ञान एवं पोषण विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. सीमा सोनकर ने इससे मेडिकेटेड डिंक पाउडर और नॉन मेडिकेटेड डिंक पाउडर बनाया है।

उन्होंने इसी माह इन दोनों उत्पादों का शोध पत्र भी जर्मनी के गटिंगेन विश्वविद्यालय में प्रस्तुत किया है। टिटिकल गेहूं सेहत और स्वाद, दोनों कसौटियों पर बेहतर साबित होगा। इसमें पेट व आंतों के लिए फायदेमंद फाइबर भी भरपूर मात्र में पाया जाता है। यह कोलेस्ट्रोल पर अधिक नियंत्रण रखने के कारण दिल की बीमारियों के लिए लाभदायक है।

ब्लड ग्लूकोज बनने की रफ्तार हो जाती है कम

टिटिकल गेहूं और इससे बने उत्पाद मधुमेह से प्रभावित लोगों के लिए बेहतर हैं, क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 से 55 नंबर होता है। टिटिकल गेहूं से बने उत्पाद शरीर में धीमी गति से अवशोषित होते हैं और फाइबर होने के कारण तेजी से पच जाते हैं। इनके सेवन से न केवल ब्लड शुगर का स्तर धीमी गति से बढ़ता है, बल्कि इंसुलिन का स्तर भी नियंत्रित रहता है। 

क्या है टिटिकल गेहूं

राई और गेहूं की क्रास वैरायटी 'टिटिकल' है। इन दोनों के जीन को मिलाकर विकसित की गई टिटिकल गेहूं की प्रजाति मैनमेड सेरियल (मानव निर्मित प्रजाति) भी कहलाती है। भारत में इसके उत्पादन के साथ इस प्रजाति को बढ़ावा दिया जा रहा है। 

तीन तरह का होता है गेहूं उत्पादन

देश में एस्टीवम, ड्यूरम व टिटिकल तीन तरह के गेहूं का उत्पादन किया जाता है। एस्टीवम के अंतर्गत सामान्य गेहूं की प्रजातियां आती हैं, जबकि ड्यूरम में कम सिंचाई वाली प्रजातियां विकसित की जाती हैं। टिटिकल संकर किस्म की प्रजाति है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.