Move to Jagran APP

कानपुर में बार एसोसिएशन के चुनाव पर भारी पड़ रही नियमों की अनदेखी, क्यों उठ रहे सवाल

बार एसोसिएशन के चुनाव दो बार टलने के बाद विरोध के स्वर फूट रहे हैं और अब सवाल भी उठने लगे हैं। कहा जा रहा है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि आरोप लगे हैं कि चुनाव में हर कदम पर नियमों की अनदेखी की गई।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 09:06 AM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 09:06 AM (IST)
कानपुर में बार एसोसिएशन के चुनाव पर भारी पड़ रही नियमों की अनदेखी, क्यों उठ रहे सवाल
कानपुर बार एसोसिएशन के चुनाव को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

कानपुर, जेएनएन। बार एसोसिएशन चुनाव को लेकर लगातार विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं। इसके चलते दो बार चुनाव टल भी चुके हैं। यहां तक कि यूपी बार काउंसिल को भी इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा। ऐसा इसलिए क्योंकि आरोप है कि चुनाव में हर कदम पर नियमों की अनदेखी की गई। बार एसोसिएशन के चुनाव मॉडल बाइलॉज के नियम से कराए जाते हैं। अधिवक्ता पवन तिवारी ने बताया कि मॉडल बाइलॉज के मुताबिक एल्डर्स कमेटी का कार्यकाल एक वर्ष का है, इसलिए नई कमेटी को या तो कार्यकारिणी तय करेगी या फिर आमसभा। एल्डर्स कमेटी की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए अधिवक्ता ने कहा कि नई कमेटी का चयन नियमों के मुताबिक नहीं हुआ है। दिसंबर 2018 में पहली बार चुनाव सीओपी (सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस) से हुए थे। सवाल है कि नए नियम से चुनाव शुरू कराने की सूचना भी सोसाइटी रजिस्ट्रार में नहीं दी गई है। नियमों की इसी अनदेखी के चलते एल्डर्स कमेटी को दो बार चुनाव टालने पड़े।

loksabha election banner

यह तथ्य खड़े कर रहे हैैं सवाल

  • -सीओपी से चुनाव के नियम को सोसाइटी रजिस्टार के यहां रजिस्टर्ड होना चाहिए
  • -वरिष्ठता क्रम में अधिवक्ता चुनाव कराने से मना करें तो उनकी लिखित अनुमति लेनी चाहिए
  • -जिनके पास सीओपी नहीं वह चुनाव लड़े पर मतदान नहीं कर पा रहे
  • -एल्डर्स कमेटी का नियमानुसार गठन नहीं किया गया
  • -जिन सदस्यों का तीन माह से ऊपर का सदस्यता शुल्क बकाया है वह न तो संस्था के सदस्य होंगे और न ही वोट दे पाएंगे
  • -पिछले छह माह से अधिकतर सदस्यों ने शुल्क नहीं दिया तो मतदाता सूची सदस्य 30 फीसद ही बचेंगे

जिम्मेदारों का ये कहना

  • चेयरमैन सतेंद्र निगम के निधन के बाद वरिष्ठता क्रम से धर्मवीर ङ्क्षसह गौर ने जिम्मेदारी संभाली। यह सतत प्रक्रिया है। इसमें चयन जैसी बात कहां से आयी। -कपिल दीप सचान, महामंत्री बार एसोसिएशन
  • यूपी बार काउंसिल ने एल्डर्स कमेटी को चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद सभी आरोप स्वत: खारिज हो जाते हैं। चुनाव जल्द ही कराए जाएंगे। -धर्मवीर सिंह गौर, चेयरमैन एल्डर्स कमेटी

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.