कानपुर एयरपोर्ट से बाबा विश्वनाथ और बुद्ध की नगरी तक उड़ान भरेंगे विमान, कोलकाता, अहमदाबाद की भी होगी शुरुआत
कानपुर एयपोर्ट से हवाई रूट को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है और नई टर्मिनल बिल्डिंग लगभग तैयार है। टैक्सी लिंक और लिंक रोड पर काम तेजी से हो रहा है। यहां से वाराणसी गौतम बुद्ध की नगरी श्रावस्ती और प्रयागराज के लिए विमान सेवा जल्द शुरू होगी।
कानपुर, जागरण संवाददाता। बाबा विश्वनाथ और भगवान बुद्ध की नगरी तक पहुंचना अब आसान होगा। यह दो शहर ही नहीं बल्कि गोरखपुर, प्रयागराज, अलीगढ़ जैसे शहर पहुंचने के लिए घंटों की लंबी यात्रा नहीं करनी होगी। जनवरी से इन शहरों के लिए उड़ान शुरू हो जाएगी। दरअसल कानपुर से इन हवाई रूट को अनुमति पहले ही मिल चुकी है, अब विमानन कंपनियों के विमान उतारने की देरी है।
नई टर्मिनल बिल्डिंग का काम लगभग पूरा
मवइया में बन रही नई टर्मिनल बिल्डिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है। प्रशासन का ध्यान अब टैक्सी लिंक और टर्मिनल बिल्डिंग से प्रयागराज हाईवे तक फोरलेन सड़क निर्माण पर है। चूंकि टर्मिनल बिल्डिंग बनकर तैयार है। उसे अब अंतिम रूप देने का काम चल रहा है। पूर्व में शहर से विमान उड़ाने की मंशा जाहिर कर चुकी विमानन कंपनियां स्पाइस जेट और इंडिगो एक बार फिर एयरपोर्ट अथारिटी के संपर्क में हैं।
हवाई रूट को मिल चुकी है मंजूरी
बता दें कि शहर से बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी, गौतम बुद्ध की नगरी श्रावस्ती के साथ प्रयागराज, मुरादाबाद, अलीगढ़, चित्रकूट और गोरखपुर के लिए हवाई रूट को मंजूरी मिल चुकी है। जिसके बाद इन विमानन कंपनियों ने भी इन शहरों के लिए विमान उड़ाने का प्रस्ताव दिया था। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडियो के अधिकारियों के मुताबिक विमानन कंपनियों के प्रस्ताव आए थे। इतना ही नहीं कई अन्य शहरों के लिए भी पहले से प्रस्ताव हैं। अधिकारी दावा करते हैं कि टर्मिनल बिल्डिंग का संचालन शुरू होने से एक वर्ष के अंदर शहर के एयरपोर्ट से देश के अधिकतर शहरों के लिए विमान मिलेंगे।
कोलकाता, अहमदाबाद की भी होगी शुरूआत
कानपुर एयरपोर्ट से कोलकाता, बेंगलुरू, अहमदाबाद और हैदराबाद के लिए विमान सेवा संचालित हो रही थी। लेकिन एप्रन की कमी के लिए विमानन कंपनियों को यह सेवा मजबूरी में बंद करनी पड़ी। दरअसल मौजूदा एयरपोर्ट की यात्री क्षमता 150 है और एप्रन एक। ऐसे में यदि एक समय में दो विमान आते हैं तो एक विमान को या तो रनवे पर खड़ा रखा जाता है या फिर उसे आसमान में चक्कर लगाने पड़ते हैं। यही कारण है कि यह चारों विमान सेवाएं धीरे-धीरे बंद हो गईं थीं। नई टर्मिनल बिल्डिंग शुरू होते ही यह चारों विमान सेवाएं पुन: शुरू हो जाएंगी।