इटावा की बेटियों की रोल माडल हैं सीमा, निर्भया के दरिंदों को सजा दिलाकर जगाई नारी सशक्तीकरण की अलख
दिल्ली में निर्भया के केस में दरिंदों को सजा दिलाने वाली सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता सीमा कुशवाहा मूलरूप से इटावा के लखना के एक गांव की रहने वाली हैं। अब उन्हें जनपद की बेटियां भी रोल माडल मानकर नारी सशक्तीकरण की लड़ाई लडऩा चाहती हैं।
इटावा, [मनोज तिवारी]। देश की बेटी निर्भया की लड़ाई लड़कर न्याय दिलाने वाली वकील सीमा कुशवाहा बेटियों के लिए रोल माडल हैैं। इटावा के लखना कस्बे के ग्राम उग्गरपुरा की रहने वाली सीमा ने दिल्ली की रहने वाली निर्भया के दोषियों को सजा दिलवाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी और 20 मार्च 2020 को चार दोषियों को फांसी की सजा हुई थी। अब यहां की लड़कियां उनके नक्श-ए-कदम पर चलकर नारी सशक्तीकरण की लड़ाई लडऩा चाहती हैैं।
सुप्रीमकोर्ट में वकालत करने वालीं सीमा वर्तमान में आधा दर्जन दुष्कर्म पीडि़ताओं को न्याय दिलाने के लिए संघर्षरत है। यहां अभावों के बीच पली-बढ़ीं सीमा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है। 12 दिसंबर 2012 को जब निर्भया के साथ दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की वीभत्स घटना हुई, तो सीमा दिल्ली हाईकोर्ट में प्रशिक्षण ले रही थीं, तब वह भी इस घटना के विरोध में हुए प्रदर्शनों में शामिल हुई थीं। तब उन्होंने निर्भया के गुनहगारों को कठोर सजा दिलवाने का संकल्प लिया था। उनके करियर का यह पहला केस था। सात साल 3 महीने से ज्यादा समय तक चली इस कानूनी लड़ाई में सीमा ने एक भी पैसा नहीं लिया। निचली अदालत से सुप्रीमकोर्ट तक निर्भया के दोषियों को फांसी के तख्ते तक पहुंचाने के लिए लगातार लड़ती रहीं।
पीडि़त परिवार की भी खूब मदद : निर्भया के परिवार से भावनात्मक रिश्ता बन गया था। उन्होंने कोर्ट के बाहर भी पीडि़ता के परिवार का साथ दिया। दोषियों की फांसी टलने पर निर्भया के परिवार के साथ-साथ सीमा की आंखें छलछला आईं। वर्तमान में वह दुष्कर्म पीडि़ताओं के लिए निश्शुल्क मुकदमा लडऩे वाली संस्था ज्योति लीगल ट्रस्ट से जुड़ी हैं। वह निर्भया ज्योति ट्रस्ट व महात्मा ज्योतिबा फुले ब्रिगेड की लीगल एडवाइजर भी हैं।
इंदिरा गांधी आदर्श : इंदिरा गांधी को आदर्श मानने वाली सीमा राजनीति में आकर बड़े नेतृत्व को निभाने को भी तैयार हैं। वह राजनीति को समाज में बदलाव का सशक्त माध्यम मानती हैं।
फेम इंडिया मैगजीन में पाया स्थान : फेम इंडिया मैगजीन एशिया पोस्ट सर्वे के 25 सशक्त महिलाएं-2020 की सूची में सीमा कुशवाहा 20 वें स्थान पर रही हैं।
बेटियां लेतीं हक की जानकारी : सीमा जब भी इटावा आती हैैं तो यहां लड़कियां उनसे मिलने जरूर आती हैैं। वह उनसे कानूनी हक की जानकारी लेती हैैं ताकि वह अधिकारों के प्रति जागरूक रहें।