बिहार जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में दुधमुंहे मासूम की मौत, रास्ते भर उसे दुलारती रही मां
कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर दंपती को उतारकर अस्पताल भेजा जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
कानपुर, जेएनएन। अव्यवस्था और लापरवाही के बीच चल रही श्रमिक ट्रेनें भी अब यात्रियों का अंतिम सफर बन रही हैं। बीते दिवस श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में पांच यात्रियों ने दम तोड़ा तो रविवार को एक और दिल को झकझोर देने वाली घटना हुई। मुंबई से बिहार जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में अचानक हालत बिगड़ने से आठ माह के मासूम की मौत हो गई और उसे गोद में लिये मां दुलारती रही।
मुंबई से बिहार जा रहे थे दंपती
मूलरूप से सीतामढ़ी बिहार निवासी दर्वेश पंडित ने बताया कि वह मुंबई के जयअंबे नगर में रहकर फैक्ट्री में काम करते थे। लॉकडाउन में फैक्ट्री बंद होने से घर वापस जाने के लिए पत्नी रूबी और बच्चे आदर्श के साथ बसई रोड से दानापुर जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन पर सवार हुए थे। रास्ते में अचानक आठ माह के बेटे आदर्श की तबीयत बिगड़ गई, उल्टी-दस्त होने की सूचना जीआरपी को दी गई। मां उसे गोद में लेकर दुलारती रही। आगरा में उल्टी और दस्त की दवा देकर ट्रेन रवाना कर दिया गया।
शाम करीब साढ़े चार बजे पहुंची ट्रेन
रूबी बच्चे को गोद में लेकर उसकी पीठ सहला रही थी तभी उसकी आंखें पलट गईं। पौने पांच बजे सेंट्रल पर ट्रेन के रुकते ही वाणिज्य विभाग को सूचना दी गई। लोको अस्पताल के डॉ. गौरव ने बच्चे की हालत गंभीर देखकर उसे लोको अस्पताल ले जाने को कहा। स्वजनों ने दूसरे अस्पताल भेजने की बात कही तो एलएलआर के बाल रोग अस्पताल रेफर किया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जीआरपी इंस्पेक्टर राम मोहन राय ने बताया कि परिजनों ने अभी तक सूचना नहीं दी है।