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पाठन और वाचन की संस्कृति को बचाने की जरूरत: राज्यपाल

कानपुर: इसमें मतभेद हो सकता है, लेकिन जहां तक मैं देखता हूं, बच्चों में पठन व वाचन की संस्कृति संकट

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Feb 2018 02:34 PM (IST)Updated: Sun, 25 Feb 2018 02:34 PM (IST)
पाठन और वाचन की संस्कृति को बचाने की जरूरत: राज्यपाल
पाठन और वाचन की संस्कृति को बचाने की जरूरत: राज्यपाल

कानपुर: इसमें मतभेद हो सकता है, लेकिन जहां तक मैं देखता हूं, बच्चों में पठन व वाचन की संस्कृति संकट में है। इसका मूल कारण यह है कि घर में किताब पढ़ने का माहौल खत्म होता जा रहा है। माता-पिता घर में आते ही टीवी देखने लगते और बच्चों को पढ़ने को कहते हैं। ऐसे में वह इससे बचता है। दूसरा कारण यह भी आज गुणवत्ता पूर्ण बाल साहित्य का भी अभाव है। बच्चों के लिए किताबें ऐसी होनी चाहिए, चाहे किसी भी विषय की हों, बाल मन को प्रभावित करें। यह बात राज्यपाल कानपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कही। वह रविवार को विकास नगर स्थित जय नारायण विद्या मंदिर में बाल साहित्य के लिए छात्रों को सम्मानित करने आए थे। भारतीय बाल कल्याण संस्थान की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि जैसे-जैसे अलग कारणों से समाज आगे बढ़ रहा है। लोगों में वाचन और पठन की आदत समाप्त होती जा रहीं हैं। बच्चे भी बड़ों का अनुसरण करते हैं। लेकिन बड़े इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस रुचि को खत्म होने के कारण ही उनका सही तरह से विकास नहीं हो पा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि इसके लिए स्कूलों को ही नहीं परिजनों व प्रकाशकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। राज्यपाल ने कहा कि जहां तक वह देखते है माता पिता स्वयं टीवी देखते हैं और बच्चों को पढ़ने के लिए कहते हैं। ऐसे में बच्चा पढ़ाई से जी चुराता है। दूसरी बात साहित्य को भी मनोरंजक और बच्चों के डिमाड के मुताबिक तैयार किया जाना चाहिए। उसमें गुणवत्ता लाने की जरूरत है। बच्चों के मन वाली किताब उन्हें आकर्षित करती हैं। ऐसे में प्रकाशक को भी खूबी की समझनी चाहिए। उनको साहित्य को बेहतर ढंग से परोसने का प्रयास करना चाहिए। एक बार अगर बच्चे में पढ़ने की आदत बन गई तो वह जिंदगी भर पुस्तक उसका साथी बन जाता है। अच्छी और जानकारी परक बातों से बेहतर समाज का निर्माण होता है। देश को अच्छे डॉक्टर इंजीनियर मिलते हैं।

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एएमयू के छात्र बता सकते हैं समस्या

राज्यपाल ने एक इंटरव्यू में कहा कि अलीगढ़ मस्लिम यूनिवर्सिटी में होने वाले कन्वोकेशन को वहां के छात्र छात्राओं को भारतीयता लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत मनाना चाहिए। यदि उनको कोई समस्या है तो वह उन्हें मिले उनकी समस्या को हल कराने का प्रयास करेंगे। गौर तलब है कि

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 7 मार्च को होने वाले कन्वोकेशन में राष्ट्रपति के आने पर एएमयू छात्र संघ ने किसी भी आरएसएस नेता के आने पर रोक लगाने की मांग की है। इस मामले पर राज्यपाल ने कहा कि वह एएमयू का कुलाधिपति नही हूँ लेकिन अगर छात्रों को कोई भी समस्या है तो मुझसे आकर मिले उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा।

चाचा नेहरू अस्पताल की उम्मीद जगी

भारतीय बाल कल्याण संस्थान की ओर से राज्यपाल को कोपरगंज स्थित नगर निगम के चाचा नेहरू बाल रोग अस्पताल के फिर से चालू कराने को लेकर ज्ञापन दिया गया। इस पर राज्यपाल ने बताया कि वह सरकार से अस्पताल को चालू कराने के लिए प्रस्ताव रखेंगे। इतने बड़े शहर में इतना बड़ा अस्पताल अगर बंद है तो यह गंभीर विषय है। सरकार इसे जल्द से जल्द चालू करवाना चाहिए।


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