Navratri 2022 : श्रद्धालुओं को भा रही जरदोजी से बनी माता वैष्णो देवी की पोशाक, यहां पढ़ें- कैसे होती है तैयार
Navratri 2022 नवरात्र के अवसर पर फर्रुखाबाद के व्यापारियों को माता वैष्णो देवी की पोशाक बनवाने को लेकर श्रद्धालुओं आर्डर दे रहे है। जिले में माता की पोशाक जरदोजी से बनाई जाती है। कारोबारियों का कहना है कि वह भगवान के वस्त्रों पर मुनाफा नहीं लेते हैं।
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता। Navratri 2022 जिले की जरदोजी कारीगरी का लोहा देश-दुनिया में माना जाता है। पिछले वर्ष दिल्ली के एक श्रद्धालु ने माता वैष्णो देवी के लिए सिल्क पर जरदोजी कारीगरी से पोशाक बनवाई थी। जब यह पोशाक माता को अर्पित की गई तो अन्य श्रद्धालुओं को भी यह भा गई है।
श्रद्धालुओं की मांग पर दिल्ली के व्यापारियों ने नवरात्र से पहले माता वैष्णो देवी की पोशाक तैयार करने के लिए यहां के जरदोजी व्यापारी को बड़ी मात्रा में आर्डर दिया है। व्यवसायी अतीक अहमद पप्पू बताते हैं कि इस बार उन्होंने कई पोशाक तैयार करवाई हैं। वह भगवान के वस्त्र हो या मजार की चादर, मुनाफा नहीं लेते हैं।
नगर में वैसे तो जरदोजी के 100 से अधिक छोटे-बड़े कारखाने हैं। इन कारखानों में बने जरदोजी के कपड़े देश-दुनिया में पसंद किए जाते हैं। पिछले वर्ष मोहल्ला चीनीग्रान निवासी जरदोजी व्यवसायी अतीक अहमद पप्पू को दिल्ली के एक श्रद्धालु ने माता वैष्णो देवी की पोशाक बनाने का आर्डर दिया था।
वह पोशाक श्रद्धालुओं को इतनी भा गई कि इस बार दिल्ली के व्यापारियों ने भी आर्डर भेजे हैं। अतीक अहमद पप्पू के कारखाने में पिछले कई दिनों से माता की पोशाक तैयार हो रही हैं। कुछ पोशाक भेजी जा चुकी हैं और कुछ एक-दो दिन में भेज दी जाएंगी।
अतीक अहमद ने बताया कि इस बार अलग-अलग आर्डर आए हैं। वैसे तो उन्होंने 50 हजार रुपये तक की पोशाक बनाई है, लेकिन मांग के अनुसार पांच हजार से 50 हजार तक की पोशाक बना रहे हैं। वह भगवान के वस्त्र हों या मजार पर चढ़ाने वाली चादर, लागत मूल्य पर ही देते हैं। इसकी जानकारी आर्डर के समय ही दे दी जाती है। पोशाक तैयार होने में करीब 10 दिन का समय लगता हैं।
पोशाक में यह लगती है सामग्री
- दुपट्टे का कपड़ा नेट का
- लहंगे का कपड़ा सिल्क का
- दबका, मोती, कट दाना, पल्स