Move to Jagran APP

हुआ समझौता, 12 दिन बाद खत्म हुई नगर निगम की हड़ताल

अपनी ही पार्टी के विधायकों व मंत्री को घेरने पर भिड़े भाजपा के पार्षद।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 11:43 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 11:43 PM (IST)
हुआ समझौता, 12 दिन बाद खत्म हुई नगर निगम की हड़ताल
हुआ समझौता, 12 दिन बाद खत्म हुई नगर निगम की हड़ताल

जागरण संवाददाता, कानपुर: पार्षदों और कर्मचारियों के बीच मारपीट के चलते 12 दिन से नगर निगम में चल रही हड़ताल समझौते के बाद मंगलवार शाम को खत्म हो गई। वहीं दिनभर नगर निगम में उठापटक होती रही। अपमान से नाराज सभी दलों के 66 पार्षदों ने सामूहिक इस्तीफा महापौर को दिया। हालांकि इस दौरान भाजपा के कई पार्षद अपनी ही पार्टी के मंत्री व विधायकों को घेरे जाने पर आपस में ही भिड़ गए।

loksabha election banner

मंगलवार को शास्त्रीनगर वार्ड में सफाई न होने से नाराज क्षेत्र की जनता नगर निगम पहुंची और नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान कर्मचारी धरना छोड़कर परिसर में एकत्र हो गए। बाद में वरिष्ठ कर्मचारी और पुलिस ने बीच में पड़कर मामला शांत कराया। इसके बाद दोपहर में भाजपा पार्षद दल के उपनेता महेन्द्र शुक्ल की अगुवाई में 66 पार्षदों ने महापौर प्रमिला पांडेय को नगर निगम कार्यालय में सामूहिक इस्तीफा थमा दिया। भाजपा के ही पार्षदों ने अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बाद में कई वरिष्ठ पार्षदों ने समझाया। इस दौरान भाजपा पार्षद दल के उपनेता ने कहा कि नगर निगम को मिलने वाली विकास निधि से मंत्री और विधायक काम करा रहे हैं। पार्षदों को केवल पांच-पांच लाख रुपये मिल रहे हैं। इस दौरान पार्षद आपस में ही भिड़ गए और खींचतान शुरू हो गई। कार्यकारिणी के सभापति नवीन पंडित, धीरेन्द्र त्रिपाठी, सरोज देव, यशपाल सिंह, गुरु नारायण गुप्ता ने कहा कि पार्षदों के साथ मारपीट करने वालों पर कार्रवाई की जाए। कांग्रेस पार्षद दल के नेता कमल शुक्ल बेबी, मो. ताहिर, सुधा जितेन्द्र सचान, नीतू संजीव मिश्र, शशी राकेश साहू ने कहा कि सुबह कुछ लोगों ने नगर निगम में नगर आयुक्त के खिलाफ अभद्र शब्दों का प्रयोग किया और नारेबाजी की। वहीं महापौर प्रमिला पांडेय ने शाम को नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा और कर्मचारी रमाकांत मिश्र, हरी ओम बाल्मीकि, मुन्ना पहलवान, मो. नासिर के साथ बैठक करके 12 दिन से चल रही हड़ताल खत्म करा दी। पार्षद राघवेन्द्र मिश्र और नीरज बाजपेयी ने कहा कि महापौर का फैसला स्वीकार है।

ये हुआ समझौता

-पार्षद व कर्मचारी अपने मुकदमे वापस लेंगे।

-16 नवंबर को स्वास्थ्य विभाग में हुए मामले की सीसीटीवी से जांच कराई जाएगी। कार्यालय की एक माह की सीसीटीवी की जांच कराई जाएगी।

-20 नवंबर को महापौर कार्यालय के बाहर घटना में शामिल आउटसोर्सिग व नियमित कर्मचारियों को चिह्नित करके कार्रवाई की जाएगी।

हर कार्यालय में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे

महापौर ने कहा कि हर कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। सेवानिवृत्त कर्मचारी नेताओं के नगर निगम में आने पर रोक लगाई जाएगी। पार्षदों की आइडी जारी होगी। उन्होंने बताया कि अब वह पूर्वाह्न 11 से दो बजे तक जनता से मिलेंगी। दो से तीन बजे तक केवल पार्षदों से मिलेंगी। तीन से पांच बजे सरकारी काम देखेंगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.