Move to Jagran APP

बारिश में नगर निगम की जुगाड़बाजी, फिर नाराज हो गईं मौसी Kanpur News

शहर में ठंड के मौसम में बरसात ने रिकॉर्ड तोड़ दिया और नगर निगम की भी कलई खुल गई।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 10:08 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 10:08 AM (IST)
बारिश में नगर निगम की जुगाड़बाजी, फिर नाराज हो गईं मौसी Kanpur News
बारिश में नगर निगम की जुगाड़बाजी, फिर नाराज हो गईं मौसी Kanpur News

कानपुर। ठंड के मौसम में बारिश का रिकार्ड तोड़ जाना और शहर की हालत बिगाड़ जाने पर अफसरों का किया धरा सब सामने आ गया। वहीं सेंट्रल स्टेशन मसाज पार्लर का खोलने के पीछे चुटकी ले रहे उमेश शुक्ल का शहरनामा...।

prime article banner

बारिश, पकौड़ी और आतिथ्य

बारिश का मौसम भी अजब-अजब अनुभव कराकर जाता है। दो दिन की बारिश से बाजार-मोहल्ले झील हो गए तो न रुकने वाली बौछारों के बीच मजबूरन ऑफिस गए अपने एक भाई को ऐसा ही खïट्टा-मीठा अनुभव मिल गया। सुबह बारिश में भीगे कपड़ों में ऑफिस में बैठकर काम करने के बाद शाम को फिर घर लौटने की चिंता सता रही थी कि देवदूत बने दोस्त की कॉल आ गई। कार भेज कर घर बुला लिया। उन्हीं के कपड़े पहने और फिर लगे हाथ भाभी को अतिथि देवो भव: की याद दिलाकर गरमा-गरम पकौड़ी और चाय का लुत्फ उठाया। ढेरों दुआएं दे रहे थे कि इसी बीच दोस्त ने अपनी ही कार ही घर भिजवा दिया। सुबह से बारिश को कोस रहे थे कि मुसीबत कर दी है लेकिन शाम आते-आते भइया का भी मिजाज बदल गया था। पकौड़ी-चाय का लुत्फ उठाकर बोले-बारिश का मौसम वैसे इतना भी बुरा नहीं है।

जुगाड़ टेक्नोलॉजी पानी पानी

बेमौसम बारिश ने सरकारी जुगाड़ टेक्नोलॉजी को पानी-पानी कर दिया। चारों तरफ हायतौबा मची थी। गड्ढेदार और खोदी गईं सड़कों में पानी भरने से लोग मुश्किल से गंतव्य तक पहुंच पाए। नगर निगम में साहब को कोई खास दिक्कत नहीं थी तो तकलीफ का अहसास भी नहीं था। इस बीच बिल्डिंग जगह-जगह से बारिश की बूंदों संग आंसू बहाने लगी तो चिंता सताई। आनन-फानन बचाव के इंतजाम शुरू करने को टीम लगाई। अफसर दौड़ रहे थे कि कैसे व्यवस्था दुरुस्त कराएं। दौड़भाग और राहत का काम तेज देखकर मातहत भी चुपके-चुपके मजे लेने में लगे थे कि चलो इसी बहाने अब तो कुछ सुधार हो जाएगा वरना अब तक किसी को परवाह ही कहां थी। बहरहाल ये हाल देख कर लगा कि अब शायद जिम्मेदार पराई पीर को समझ पाएंगे और शहर का कुछ भला कर पाएंगे। कितना भला हुआ, ये तो अगली बार बारिश में ही पता चल पाएगा।

मसाज से गुस्सा छू-मंतर

ट्रेनों की लेटलतीफी पर यात्रियों का गुस्सा तो खूब देखा होगा लेकिन अब वह नाराज नहीं होंगे। रेलवे ने यात्रियों के गुस्से का नायाब इलाज ढूंढ़ निकाला है। उनका गुस्सा और थकान उतारने के लिए सेंट्रल स्टेशन पर बॉडी मसाज का इंतजाम होगा। जितनी देर ट्रेन नहीं आएगी, मुसाफिर आराम से मसाज कराएंगे और दर्द-तकलीफ भूल जाएंगे। बॉडी मसाज की चर्चा शुरू हुई तो अफसरों में भी चखचख तेज हो गई। बोले-चलो, अच्छा है कि मुसाफिर अब कम से कम वहीं उलझे रहेंगे और बार-बार बताना नहीं पड़ेगा कि ट्रेन कितनी देर में आएगी। जब तक ट्रेन नहीं आती है, आराम से मसाज कराओ और ट्रेन आए तो आराम से गंतव्य की ओर रवाना हो जाओ। अब देखो बॉडी मसाज यात्रियों के साथ अफसरों को कितना राहत देती है, ये तो वक्त ही बताएगा। बहरहाल अफसरों को बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं बॉडी मसाज वाली अपनी राहत मशीन का।

मौसी का गाय प्रेम

गो सेवा करने वालों के कई प्रकार होते हैैं। एक जो दिखावे के लिए दिन में तो गोसेवा करते हैं और रात में गोविरोधी काम करते हैं। दूसरे वो जो काम तो गोविरोधी करते हैैं लेकिन रहते हैैं गोसेवकों के संग। तीसरे वो जो गोरक्षा के नाम पर दूसरों की जान लेने से भी चूकते नहीं। चौथे वो जिनसे प्रेरणा ली जा सकती है। ऐसे लोगों से प्रेरित होकर हमरी मुंह बोली मौसी ने भी तय किया कि वो भी गाय पालेंगी। उन्होंने गोशाला संचालक से संपर्क किया। संचालक ने गाय की सिपुर्दगी लिखित में मांगी तो मौसी गुस्से से लाल हुई गईं। वैसे भी गोशालाओं में गोवंश की दशा दयनीय है। सड़कों पर कचरा व पॉलिथिन खाकर वे वैसे भी मौत के शिकंजे में कसते जा रहे हैैं। सवाल यही है कि 33 करोड़ देवी-देवता जिन पर निवास करते हैैं, उन मां समतुल्य गाय की सुध कब ली जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.