'ब्लैकमेल कर रही थी, इसलिए मार डाला'
डीएवी छात्र नेता ने दो साल पहले साथियों के साथ मिलकर युवती की कर दी थी हत्या
जागरण संवाददाता, कानपुर :
दो साल पहले छात्रा का अपहरण और हत्या के मामले में पकड़े गए पूर्व छात्रनेता रीतेंद्र उर्फ बउआ ठाकुर ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि ब्लैकमेल किए जाने के कारण वारदात को अंजाम दिया। अधिवक्ता एवं प्रापर्टी डीलर गांधीग्राम निवासी रीतेंद्र ने बताया कि छात्रा गले की हड्डी बन गई थी। वह आपत्तिजनक वीडियो बनाकर शादीशुदा जीवन तबाह करने की धमकी दे रही थी। अपहरण और हत्या के बाद उसकी मां के साथ तलाश करने व पैरवी का तानाबाना बुना, लेकिन पता नहीं था कि कॉल डिटेल फांसी के फंदे की तरफ ले जाएगी। रीतेंद्र ने केडीए कालोनी श्यामनगर निवासी अनुज सिंह व साथियों के साथ मिलकर वारदात की थी। दोनों को पुलिस ने जेल भेज दिया।
सीओ कैंट अजीत कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2015 में युवती व उसकी मां पर चचेरे भाई ने चोरी का मुकदमा लिखाया था। युवती व मां को जेल भेजा गया था। उसी केस की पैरवी के दौरान युवती से रीतेंद्र की दोस्ती हुई थी। रीतेंद्र ने पूछताछ में बताया कि इस दौरान युवती ने कुछ अंतरंग पल का वीडियो बना लिया और ब्लैकमेलिंग करने लगी। विरोध पर उसने छेड़छाड़ का मुकदमा लिखा दिया। इस पर 27 सितंबर 2016 दोस्त रोहित से फोन करा उसको समझौते के बहाने बुलाया और हत्या कर दी। पुलिस को हत्या में शामिल तीन अन्य लोगों की अब तलाश है।
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स्कार्पियो से अपहरण, अर्टिका में हत्या
पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त अर्टिका कार भी सोमवार सुबह बरामद कर ली। पुलिस अपहरण में प्रयुक्त स्कार्पियो की तलाश कर रही है। अनुज के मुताबिक स्कार्पियो में काले शीशे नहीं थे तो आर्टिका मंगाई गई थी। युवती के शव के बारे में जानकारी जुटाने के लिए हमीरपुर से इलाहाबाद के बीच यमुना किनारे स्थित थानों व गांवों में पूछताछ की जा रही है।
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क्या था मामला
कृष्णानगर निवासी युवती ने सितंबर 2016 में रीतेंद्र व उसके साथी के खिलाफ बाबूपुरवा थाने में छेड़छाड़ व मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था। 27 सितंबर को मेडिकल कराने और बयान देने छात्रा घर से निकली थी, तब से वह लापता थी। पिछले माह कृष्णानगर चौकी इंचार्ज जगदीश प्रसाद ने विवेचना दोबारा शुरू कर उसके मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली तो खुलासा हुआ।
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चकेरी में पिछले दिनों महिलाओं की हत्या के केस में अपराधियों की धरपकड़ हुई। इसके चलते महिला संबंधित केस दोबारा खंगाले जा रहे हैं। इसी क्रम में इस घटना का खुलासा हुआ। आरोपित ही पूरे केस की पैरवी कर रहा था, इसलिए उसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं गया।
- अखिलेश कुमार, एसएसपी