हाथी पर सवार होकर आएंगी मां जगदंबा
जागरण संवाददाता, कानपुर : चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि अर्थात 1
जागरण संवाददाता, कानपुर : चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि अर्थात 18 मार्च से नवरात्र शुरू होंगे। इस दिन से श्रद्धालु भगवती जगदंबा का पूजन-अर्चन, कलश स्थापना कर व्रत का शुभारंभ करेंगे। 25 मार्च रामनवमी होगी हालांकि व्रत का पारण 26 मार्च को होगा। मां दुर्गा इस बार हाथी पर सवार होकर आएंगी, लेकिन उनका गमन भैंसे पर होगा। मां का आगमन तो शुभ है, लेकिन भैंसे पर उनकी विदाई अशुभ है।
काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी के मुताबिक चैत्र शुक्ल पक्ष इस बार 14 दिन का होगा। इसमें नवमी तिथि का क्षय है। इस वजह से इस बार नवरात्र आठ दिन का होगा। अष्टमी व नवमी का व्रत, दर्शन व पूजन 25 मार्च को किया जाएगा। अष्टमी के व्रत का पारण नवमी के दिन अर्थात 26 मार्च की भोर में 4.39 बजे से पहले करना चाहिए। नवरात्र व्रत का पारण 26 मार्च को सूर्योदय के बाद किया जाएगा। शास्त्र के अनुसार महानिशा पूजन सप्तमी युक्त अष्टमी की रात्रि में किया जाता है। नवरात्र का हवन आदि कार्य 25 मार्च को नवमी में किया जाएगा। मां जगदंबा का आगमन हाथी पर होना इस बात का सूचक है कि भक्तों के घर सुख-समृद्धि आएगी। वर्षा सामान्य से अधिक होगी। हालांकि की मां का गमन भैंसे पर होने की वजह से इसका फल रोग, शोक व विपत्ति देने वाला है। आठ दिनी नवरात्र शुभ नहीं माना जाता। ऐसा होने से देश में उपद्रव व आपसी मतभेद संभव है।
कलश स्थापना का मुहूर्त
कलश स्थापना प्रात: 6.02 के बाद सूर्योदय काल में करना शुभ होगा। कलश स्थापना व पूजन के लिए दूसरा मुहूर्त सुबह 8.58 बजे से 10.54 बजे के बीच होगा।
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मंदिरों में शुरू हुई तैयारियां
बारह देवी मंदिर, तपेश्वरी माता मंदिर, जंगली देवी मंदिर, मां वैष्णो देवी दरबार नारामऊ व अन्य मंदिरों में नवरात्र के पूजन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। बारह देवी मंदिर में रंगाई-पुताई का कार्य चल रहा है। झालरें लगाई जा रही हैं।