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जीएसटी में सरकारी संस्थानों का पंजीयन घटा, संबंधित अधिकारी पर लग सकता जुर्माना

वैट के दौरान शहर में तकरीबन 80 सरकारी विभाग पंजीकृत थे। जोन एक से 28 विभागों ने पंजीकरण कराया था।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 07 Nov 2018 05:05 PM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 05:05 PM (IST)
जीएसटी में सरकारी संस्थानों का पंजीयन घटा, संबंधित अधिकारी पर लग सकता जुर्माना
जीएसटी में सरकारी संस्थानों का पंजीयन घटा, संबंधित अधिकारी पर लग सकता जुर्माना

कानपुर (जागरण संवाददाता) एक अक्टूबर से सरकारी संस्थानों के लिए भुगतान पर टीडीएस काटना अनिवार्य किए जाने के बाद संस्थानों के पंजीयन में गिरावट हुई है। वैट के मुकाबले अब तक तकरीबन 40 फीसद कम संस्थानों ने पंजीयन कराया है।

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वैट में 80 सरकारी विभाग पंजीकृत

कानपुर वाणिज्य कर कार्यालय दो जोन में बंटा है। जोन नंबर एक के अंतर्गत कानपुर देहात, उन्नाव व कानपुर नगर के बाहरी हिस्से आते हैं। जोन दो में कानपुर के थोक बाजार का पूरा हिस्सा आने के अलावा शहर के बीच में पडऩे वाला बाजार आता है। चंूकि यह पूरा हिस्सा कारोबारी क्षेत्र में है। इसलिए वैट के दौरान यहां से तकरीबन 80 सरकारी विभाग पंजीकृत थे। वहीं जोन एक से 28 विभागों ने पंजीकरण कराया था। जीएसटी लागू होने के बाद न तो इन्हें रिटर्न भरना पड़ा और न ही टीडीएस काटा गया। एक अक्टूबर से शासन ने फिर सरकारी संस्थानों के जीएसटी में पंजीयन कराने और टीडीएस काटने की अनिवार्यता लागू कर दी। इसके बाद कुछ सरकारी संस्थानों में पंजीयन कराया भी लेकिन वैट के मुकाबले कम ही रहा।

लापरवाही पर विभाग के अधिकारियों पर लगेगा जुर्माना

सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में वाणिज्य कर विभाग ने बताया है कि जोन दो में अब तक महज 46 सरकारी संस्थाएं ही पंजीकृत हुई हैं, जो वैट के मुकाबले 40 फीसद कम हैं। हालांकि जोन एक की स्थिति संतोषजनक है। यहां सभी 28 सरकारी विभागों ने पंजीयन करा लिया है। वाणिज्य कर विभाग जोन दो एडिशनल कमिश्नर ग्रेड दो दिनेश मिश्रा का कहना है सरकारी विभागों के डीडीओ को खुद यह समझना चाहिए कि उन्हें पंजीयन कराना है। यह पहले ही बताया जा चुका है लापरवाही पर जुर्माना लगेगा।

10 नवंबर तक दाखिल करना है रिटर्न

जीएसटी में पंजीकृत सरकारी विभागों को अक्टूबर में किए गए भुगतान पर काटे गए टीडीएस का रिटर्न 10 नवंबर तक करना है। रिटर्न जमा करने से पांच दिन के अंदर जिसका टीडीएस काटा गया हो उसे प्रमाण पत्र देना होगा। अधिकारियों के अनुसार इसमें अपने आप जुर्माने की व्यवस्था है जो डीडीओ लापरवाही कर रहे हैं, उनके वेतन से कटौती की जाएगी।

टीडीएस कटौती के खास बिंदु

- टीडीएस कटौती जिस माह में होगी, उसे अगले माह की 10 तारीख तक सरकारी कोष में जमा करना होगा। इसे जमा करने में विलंब हुआ तो 18 फीसद वार्षिक की दर से ब्याज देना होगा।

- जिस दिन टीडीएस कटौती की राशि सरकारी कोष में जमा की जाएगी, उसके पांच दिन के अंदर टीडीएस का प्रमाणपत्र संबंधित फर्म, व्यक्ति, या संस्थान को ऑनलाइन दे दिया जाएगा। प्रमाणपत्र जारी करने में विलंब होने पर 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क लगेगा। यह अधिकतम 10 हजार रुपये हो सकता है।

- ठेकेदार और सरकारी विभागों दोनों को जीएसटी में पंजीयन कराना होगा।


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