35 हजार से ज्यादा मतदाताओं को नहीं मिले पहचान पत्र
मतदाताओं को पहचान पत्र जल्द मिले इसके लिए सरकार व प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है।
केस: 1
शक्ति नगर निवासी स्मृति ने विधानसभा चुनाव में मतदान किया था, लेकिन आज तक उनका पहचान पत्र बनकर नहीं आया। कई बार वह निर्वाचन कार्यालय जा चुकी हैं। हर बार कहा जाता है उनका कार्ड बूथ लेवल अफसर के पास है पर उन्हें आज तक नहीं मिला।
केस : 2
इंद्रा नगर निवासी रजनी का नाम भी सूची में है, लेकिन उनके पास भी मतदाता पहचान पत्र नहीं है। उनका पहचान पत्र बूथ लेवल अफसर के पास बताया जाता है, लेकिन आज तक देने नहीं आया। जागरण संवाददाता, कानपुर : 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं। चुनाव की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल जुट गए हैं। निर्वाचन आयोग भी मतदाता सूची में नाम बढ़वाने को लेकर कवायद कर रहा है, लेकिन अभी तक 35 हजार 97 लोग ऐसे हैं जिन्हें मतदाता पहचान पत्र नहीं मिल पाया है। पहचान पत्र पाने को लोग भटक रहे हैं।
अब प्लास्टिक का कार्ड निर्वाचन आयोग मतदाताओं को उपलब्ध कराता है। इस कार्ड को बनाने की जिम्मेदारी चेन्नई की एक कंपनी के पास है। कंपनी प्रबंधन की लापरवाही के कारण समय से मतदाताओं का कार्ड छप कर नहीं आ रहा है। निर्वाचन विभाग का दावा है कि पिछले दो तीन माह में जिन 35 हजार लोगों के नाम सूची में दर्ज हुए हैं उनके ही कार्ड नहीं बने हैं जबकि वास्तविकता कुछ और है। ऐसे मतदाताओं की संख्या 50 हजार से अधिक होगी जो कार्ड से वंचित है। इसकी वजह बूथ लेवल अफसरों की लापरवाही भी है। बूथ लेवल अफसरों ने तमाम लोगों को कार्ड नहीं दिए है। जिनके कार्ड बूथ लेवल अफसर को दिए गए उनके हाथों में पहुंचे या नहीं यह जानने की कोशिश निर्वाचन विभाग भी नहीं करता है। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में वोट डालने वाले तमाम मतदाता परेशान हैं। मशीन का उपयोग नहीं
निर्वाचन आयोग ने तीन साल पहले निर्वाचन विभाग को मतदाता पहचान पत्र छापने के लिए एक मशीन उपलब्ध करायी थी, लेकिन इस मशीन का उपयोग नहीं हुआ। मशीन निर्वाचन विभाग के कार्यालय की आलमारी में बंद है।
34,02,053 : कुल मतदाता
15,35,074 : महिला मतदाता
18,66,773 : पुरुष मतदाता
206 : किन्नर मतदाता