सीसामऊ नाले में फिर छेद, गंगा में गिरी गंदगी
ग्वालटोली नाले के बाद अब भैरोघाट चौराहे पर मुख्य सीवर लाइन में लीकेज, पंपिंग स्टेशन के पंप रहे बंद, नदी में गिरता रहा छह करोड़ लीटर दूषित पानी
जागरण संवाददाता, कानपुर :
जमीन के अंदर अंग्रेजों के जमाने के नालों और सीवर लाइनों के उलझे रहस्य से सीसामऊ नाला बंद करना जल निगम के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। मंगलवार को सीसामऊ नाले को बंद करके इसके मोड़ना का दावा कर रहे जल निगम के अफसरों का उत्साह दूसरे ही दिन बुधवार को ग्वालटोली के पास निकले नाले ने ठंडा कर दिया। इस बीच गुरुवार को नई मुसीबत भैरोघाट पंपिंग स्टेशन चौराहे पर सामने आ गई। यहां मुख्य सीवर लाइन में लीकेज मिला है। इस स्थिति में पंप न चलने से सीसामऊ नाले का छह करोड़ लीटर दूषित पानी सीधे गंगा में गिरता रहा। जल निगम के अभियंता दावा कर रहे हैं कि शुक्रवार को सुबह पंप चलाए जाएंगे, हालांकि चल रहे काम की स्थिति इस पर संशय पैदा कर रही है।
गुरुवार को ग्वालटोली नाला मोड़ने के लिए पूरा अमला लगा रहा लेकिन अभी तक नाला नहीं मुड़ पाया है। नाला मोड़ने के दौरान अनुमान से ज्यादा दूषित पानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट जाजमऊ में पहुंचने पर जांच की गई तो जलकल विभाग का दूषित पानी भी जा रहा था। इसको रोका गया। इस बीच भैरोघाट चौराहे पर लीकेज की वजह से भी दूषित पानी राइजिंग लाइन में जाने की बात सामने आई। मुख्य सीवर लाइन के ज्वाइंट में लीकेज की अटकल पर देर रात तक जेसीबी से खोदाई की गई। अंतत: मुख्य सीवर लाइन में ही लीकेज मिला।
जल निगम के महाप्रबंधक आरके अग्रवाल ने बताया कि लीकेज ठीक करने के लिए काम चल रहा है। नाला देर रात तक मोड़ दिया जाएगा। इसके चलते पंप न चलने के कारण सीसामऊ नाला गंगा में गिर रहा है। शुक्रवार को फिर से सीसामऊ नाला मोड़ने के लिए पंप चलाए जाएंगे।