आइआइटी कैंपस में 28 प्रदूषण मापक यंत्रों से निगरानी
जागरण संवाददाता कानपुर आइआइटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने प्रदूषण मापने वाले सबसे सस्ते सेंसर
जागरण संवाददाता, कानपुर: आइआइटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने प्रदूषण मापने वाले सबसे सस्ते सेंसर विकसित करने के बाद अब उनका परीक्षण शुरू कर दिया है। परिसर में 28 स्थानों पर यह प्रदूषण मापक यंत्र लगाए गए हैं। यह पीएम-2.5 के साथ नाइट्रोजन ऑक्साइड व ओजोन का स्तर भी बताएगा। आमतौर पर इस तरह के सेंसर की कीमत एक करोड़ रुपये तक होती है लेकिन आइआइटी वैज्ञानिकों ने मात्र 50 हजार में इसे तैयार किया है। इसकी टेस्टिंग शुरू हो गई है। टेस्टिंग के बाद इसे शहर के विभिन्न स्थानों पर लगाने की योजना है।
इंडो-यूएस साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट के तहत आइआइटी ने सस्ते प्रदूषण मापक सेंसर तैयार करने में सफलता पाई है। प्रयोगशाला में सफल परीक्षण के बाद अब इसे आइआइटी परिसर में लगाया गया है। इस तकनीक को विकसित करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने छह करोड़ का अनुदान दिया है। शहर में प्रदूषण का स्तर ज्यादातर अधिक रहता है जबकि आइआइटी में इसकी मात्रा बेहद कम पाई गई है। कारण वहां पर प्रोफेसर से लेकर छात्र छात्राएं सभी साइकिल से चलते हैं। प्रदूषण मापक सेंसर विकसित करने वाले आइआइटी के वरिष्ठ प्रो. सच्चिदानंद त्रिपाठी ने बताया कि कई बार जांच में यह पाया गया है कि शहर की तुलना में कैंपस में पीएम-2.5 व नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा बहुत कम रही है। पहले यह मात्रा महंगे सेंसर से मापी जाती थी लेकिन पहली बार कई गुना इस सस्ते सेंसर को लगाकर मात्रा मापी जा रही है। इसके परिणाम लगातार सामने आएंगे। समय समय पर इन परिणामों का विश्लेषण किया जाएगा। साल भर का डाटा तैयार करके कैंपस में प्रदूषण की स्थिति देखेंगे। उसके बार शहर में इस सेंसर का परीक्षण किए जाने की योजना है।