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अगर कभी तूफान आ गया तो कानपुर में फैल जाएगी महामारी

पनकी भाऊसिंह स्थित प्लांट में कूड़े का पहाड़ देखकर एनजीटी की टीम के चेयरमैन ने नाराजगी जताई।

By AbhishekEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 02:26 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 12:06 PM (IST)
अगर कभी तूफान आ गया तो कानपुर में फैल जाएगी महामारी
अगर कभी तूफान आ गया तो कानपुर में फैल जाएगी महामारी
कानपुर, जेएनएन। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा गठित उप्र सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनीटङ्क्षरग कमेटी के चेयरमैन सेवानिवृत्त जज डीपी सिंह ने तो पनकी भाऊसिंह स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट को शहर के लिए जहर बता दिया। निरीक्षण के बाद वह दो टूक बोले कि कभी तूफान आया तो कानपुर में महामारी फैल जाएगी।
उप्र सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनीटङ्क्षरग कमेटी के चेयरमैन रिटायर्ड जज डीपी सिंह और सचिव रिटायर्ड जज राजेंद्र सिंह ने शुक्रवार को पनकी भाऊसिंह स्थित नगर निगम के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, जाजमऊ स्थित टेनरी और एलएलआर अस्पताल (हैलट) का निरीक्षण किया। उसके बाद सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता की। चेयरमैन डीपी सिंह का कहना था कि कानपुर के कूड़ा निस्तारण प्लांट जैसा दृश्य कभी नहीं देखा। करीब 40-42 हेक्टेयर क्षेत्र में बीसियों साल से कूड़े का ढेर जमा है। कभी तूफान आया तो उड़कर यह गंदगी कानपुर वालों के पेट में जाएगी, जिससे कैंसर, टीबी जैसी तमाम बीमारियां फैल जाएंगी।
नदी किनारे प्लांट गलत, इसे स्थानांतरित करें
रिटायर्ड जज श्री सिंह का कहना था कि कूड़ा निस्तारण प्लांट पांडु नदी के किनारे पर है। पांडु नदी से होते हुए गंदगी गंगा में जा रही है। नए नियमों के तहत किसी नदी-नाले के किनारे डंपिंग ग्राउंड नहीं होना चाहिए। हमने नगर आयुक्त से कहा है कि इसे स्थानांतरित करने की व्यवस्था करें। इसके अलावा शहर भर में कूड़े की ओपन डंपिंग है, जो नहीं होनी चाहिए। इसे बंद करने के लिए भी कहा है। बताया कि एनजीटी ने देश भर में 22-23 जजों को निगरानी के लिए मैदान में उतारा है। हम 90 फीसद आबादी यानी आम आदमी को स्वच्छ वातावरण में सांस लेने का अधिकार देना चाहते हैं। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अक्षय त्रिपाठी, नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा और मुख्य पर्यावरण अधिकारी कुलदीप मिश्रा भी थे।
एलएलआर से तो और बीमारियां ले जाएंगे मरीज
एलएलआर अस्पताल (हैलट) में एनजीटी की कमेटी के चेयरमैन रिटायर्ड जज डीपी सिंह ने कहा कि मरीज यहां से और बीमारियां लेकर लौटेंगे। अस्पताल पहुंचकर प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके मौर्या, सीएमएस डॉ. रीता गुप्ता, एमएस डॉ. प्रेम सिंह व डॉ. एसके सिंह से मुलाकात की। इसके बाद टीम वार्ड का निरीक्षण करने पहुंची। रास्ते में गैलरी के दोनों ओर बने पार्क पर उनकी नजर पड़ी। उन्होंने अधिकारियों से सवाल जवाब किए, जिस पर सभी बगलें झांकने लगे।
चेयरमैन ने कहा कि पहले यहां कचरा या कबाड़ डंप किया जाता होगा। यह संक्रमण के फैलने का कारण है, इसे तत्काल साफ कराया जाए। इसके बाद वार्ड 8 और वार्ड 7 को चेक किया, वहां सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सही मिला। टीम ने और डस्टबिन रखवाने के लिए कहा। सर्जरी वार्ड में गंदगी नजर आई। सॉलिड वेस्ट के डंपिंग स्टेशन में सभी कचरे के सभी बैग को एक ही बैग में रखते पाया गया। इस पर एमपीसीसी के सुपरवाइजर को फटकार लगाई। एसआइसी डॉ. आरके मौर्या ने खामी मिलने पर एमपीसीसी को नोटिस भेजा है।
निरीक्षण के बाद प्रेसवार्ता में चेयरमैन ने कहा कि 80 फीसद तक काम सही है, लेकिन परिसर में बहुत गंदगी है। अस्पताल बिल्डिंग के पीछे गंदा पानी भरा था, जिसमें कीड़े बजबजा रहे थे। इससे तो वहां आने वाले मरीज और बीमार होकर लौटेंगे। इसके अलावा जच्चा बच्चा अस्पताल के सामने कूड़ाघर है, उसे हटाने और परिसर की सफाई कराने के लिए नगर आयुक्त से कहा है।
अस्पताल परिसर में न हो प्रदूषण
कमेटी चेयरमैन ने बताया कि निरीक्षण के दौरान ही देखा कि अस्पताल परिसर में दर्जनों टेंपो सहित अन्य वाहन थे। वह कितना प्रदूषण करते होंगे। निर्देश दिए हैं परिसर में सिर्फ गंभीर मरीजों को लाने वाले वाहनों को ही प्रवेश दिया जाए।

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