खपरा मोहाल पुल की मरम्मत के लिए शासन से मांगा जाएगा धन
- अधीक्षण अभियंता की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी पुल का दोबारा सर्वे
जागरण संवाददाता, कानपुर : खपरा मोहाल रेलवे क्रासिग पर बने पुल की मरम्मत के लिए पीडब्ल्यूडी एस्टीमेट बनाएगा। इसके बाद उसे डीएम की मंजूरी के बाद शासन को भेजेगा ताकि बजट का आवंटन हो सके। वैसे तो यह पुल बनाने के बाद सेतु निर्माण निगम ने कैंट बोर्ड को हस्तांतरित कर दिया था, लेकिन वहां बजट की कमी को देखते हुए अब पीडब्ल्यूडी की ओर से खुद के पैसे से इसकी मरम्मत का कार्य होगा। अधीक्षण अभियंता की अध्यक्षता में पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता की ओर से एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी ही पुल का दोबारा सर्वे करेगी और फिर एस्टीमेट तैयार करेगी।
खपरा मोहाल क्रासिग पर 2014 में पुल का निर्माण शुरू हुआ था, जो जनवरी 2016 में बनकर तैयार हुआ। इस पुल का लोकार्पण तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने किया था। 643 मीटर लंबे और सात मीटर चौड़े इस पुल के निर्माण में 39.66 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। यह पुल 21 पिलर पर बना है। इसका निर्माण उप्र सेतु निर्माण निगम ने किया था। यह कैंट बोर्ड के क्षेत्र में है और सड़क भी कैंट बोर्ड की है। इसलिए इसे कैंट बोर्ड को ही हस्तांतरित किया गया था। इस पुल की रिटेनिग वाल के बीच के दरार से ही चूहे अंदर घुसे और उन्होंने जो मिट्टी और राख डाली गई थी उसे खोदकर धीरे-धीरे बाहर निकाल दिया था। अंदर पुल खोखला होने से ही सड़क बारिश के दौरान धंस गई। अब जब मरम्मत का कार्य होगा तो चूहे दोबारा दरार के रास्ते अंदर न जाएं इसके लिए लोहे की जाली लगाई जाएगी। दरार को भी भरा जाएगा। पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता विजय कनौजिया का कहना है कि एस्टीमेट जल्द ही बनाकर शासन को भेजेंगे।