मोदी की हाई स्पीड ट्रेन का सपना साकार करेगा कानपुर
ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के मामले में कानपुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार कर रहा है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के मामले में कानपुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार कर रहा है। देश में हाई स्पीड ट्रेनों को चलाने के लिए जो कवायद चल रही है, उन ट्रेनों के बोगी फ्रेम (चेसिस) कानपुर में ही बन रहा है। यूरोपीय तकनीक से बन रहे ट्रेन -18 के बोगी फ्रेम की पहली खेप इसी माह रवाना भी की जा चुकी है। अगले माह तक 16 रैक की एक जोड़ी ट्रेन में लगने वाले कुल 32 बोगी फ्रेम चेन्नई स्थित भारतीय रेलवे की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) भेजी जानी है। सितंबर-अक्टूबर में यह ट्रेन चालू हो जाएगी। इस ट्रेन से दिल्ली-हावड़ा रूट का समय तीन से चार घंटे कम हो जाएगा।
भारतीय रेल अगले कुछ माह में ट्रेन -18 शुरू करने जा रहा है। यह ट्रेन 160 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी। ट्रेन की रफ्तार के लिए सबसे जरूरी होता है, इसकी बोगी का फ्रेम। सामान्य बोलचाल में इसे चेसिस कहा जाता है। इसमें ही पहिए लगे होते हैं और पूरी बोगी इसके ऊपर ही तैयार की जाती है। ट्रेन की रफ्तार इस बोगी फ्रेम के ऊपर ही निर्भर करती है। आइसीएफ चेन्नई इस ट्रेन -18 का निर्माण कर रहा है। सिंगल टेंडर के रूप में इसके बोगी फ्रेम के निर्माण का कार्य कानपुर पनकी स्थित फैक्ट्री वेद सैसोमैकेनिका को मिला है। यह फैक्ट्री भारतीय रेल को पहले ही शताब्दी, राजधानी और एलएचबी कोच के बोगी फ्रेम मुहैया करा रही है।
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'प्रोटोटाइप पास होने के बाद इस माह पहली खेप चेन्नई जा चुकी है। दो बोगी फ्रेम की पहली खेप भेजी जा चुकी है, गुरुवार को चार बोगी फ्रेम और भेजे गए हैं। इन बोगी फ्रेम पर 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार तक ट्रेन चल सकती है। अगस्त तक 32 बोगी फ्रेम भेजने हैं। बोगी फ्रेम यूरोप की ईसी इंजीनिय¨रग की डिजाइन पर हैं। इसके साथ ही चेन्नई आइसीएफ की टीम भी लगातार निरीक्षण के लिए आ रही है।'
- रविंद्र नाथ त्रिपाठी, फैक्ट्री मालिक
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पहली बार रोबोटिक आर्म
बोगी फ्रेम बनाने के लिए पहली बार रोबोटिक आर्म का इस्तेमाल हो रहा है। वेल्डिंग को सौ फीसद परफेक्ट बनाने के लिए जर्मन तकनीक की रोबोटिक आर्म का प्रयोग किया जा रहा है।
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पूर्णतया आटोमेटिक प्लांट
वेद सैसोमैकेनिका के प्लांट के करीब-करीब सभी कार्य आटोमेटिक तरीके से होते हैं। वेल्डिंग, कटिंग जैसे सभी कार्य आटोमेटिक मशीनों पर किए जाते हैं।
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16 बोगी फ्रेम प्रति माह की करनी है आपूर्ति
अगस्त के बाद से फैक्ट्री को हर माह 16 बोगी फ्रेम की आपूर्ति करनी है। फैक्ट्री को पहले टेंडर में 320 बोगी फ्रेम की आपूर्ति करनी है।
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ट्रेन -18 की खासियत
- मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट की ट्रेन।
- 160 किलोमीटर रफ्तार।
- 16 कोच।
- 02 एग्जीक्यूटिव क्लास, 14 सेकेंड क्लास (एसी चेयरकार टाइप)
- आटोमेटिक प्लग टाइप स्लाइडिंग डोर व स्लाइडिंग फुट स्टेप जो स्टेशन पर अपने आप खुलेंगे और बंद होंगे।
- स्लीक माड्यूलर टायलेट।
- नवीनतम वैक्यूम टेक्नोलॉजी पर आधारित जीरो डिस्चार्ज बायो टायलेट।
- दिल्ली-हावड़ा रूट पर निर्धारित समय से करीब साढ़े तीन घंटे की आएगी कमी