Move to Jagran APP

Mission Namami Gange : कानपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से पहले गंगा नदी में बहा देंगे 'पाप'

Mission Namami Gange कानपुर में अब तो आनन-फानन में जलस्तर बढ़ाकर गंगा नदी को हर जगह स्वच्छ-स्वस्थ दिखाने का प्रयास किया जा रहा है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 10:43 AM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 10:43 AM (IST)
Mission Namami Gange : कानपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से पहले गंगा नदी में बहा देंगे 'पाप'
Mission Namami Gange : कानपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से पहले गंगा नदी में बहा देंगे 'पाप'

कानपुर [राहुल शुक्ल]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर में नमामि गंगे मिशन की समीक्षा करने आएंगे। उनके साथ दस केंद्रीय मंत्री और पांच राज्यों के मुख्यमंत्री भी रहेंगे। कानपुर में गंगा नदी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अफसरों में खलबली मची है।

loksabha election banner

कानपुर में अब तो आनन-फानन में जलस्तर बढ़ाकर गंगा नदी को हर जगह स्वच्छ-स्वस्थ दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। हकीकत यह है कि अगहन में ही गंगा में रेत उड़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी को गंगा भ्रमण कराने के लिए लाया गया स्टीमर तक ढंग से नहीं चल पाया। पीएम मोदी को सब कुछ बेहतर दिखाने के लिए गंगा नदी किनारे की बस्तियों के शौचालय, गंगा नदी में गिरते नाले व कचरे के ढेर छिपाने की कोशिश की जा रही है।

प्रधानमंत्री के संभावित आगमन को देखते हुए शासन से लेकर प्रशासन तक, सभी गंगा का जलस्तर बढ़ाने की कवायद में जुट गए हैं। इससे घाटों की सीढिय़ां, घरों से निकलने वाला सीवेज व रेत के टीले डूब जाएंगे। घाट किनारे की गंदगी बह जाएगी और यहां गंगा नदी निर्मल व अविरल दिखेगी। प्रधानमंत्री मोदी गंगा बैराज के अटल घाट से सिद्धनाथ घाट तक भ्रमण कर सकते हैं। इतनी दूरी गंगा की बदहाली को उजागर करने के लिए काफी है। रानी घाट, परमट घाट समेत गंगा किनारे स्थित बस्तियों के शौचालय से सीवेज पाइप गंगा में जाते दिखेंगे। यहां तिवारी घाट व रानी घाट पर टनों सिल्ट जमा है। बदबू इतनी है कि सांस लेना दूभर है। भैरोघाट पर राख, फूल और कूड़ा फैला रहता है।

मंत्रियों ने देखी खामियां

पीएम मोदी के आगमन से पहले यहां तैयारियों को परखने आए नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन और जलशक्तिमंत्री डॉ. महेंद्र सिंह यह खामियां देख चुके हैं। इसके पहले नेशनल मिशन ऑफ क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र और नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव मनोज सिंह भी खामियां देखकर इन्हें दूर करने का निर्देश दे गए। मगर, इतनी यहां जल्दी सैकड़ों शौचालय बनाना और नाले बंद कर पाना मुश्किल है। इसी कारण अब जल स्तर बढ़ाकर और जलकुंभी हटाकर गंगा नदी को निर्मल-अविरल दिखाने की कोशिश हो रही है।

हांफ गया था पीएम मोदी का स्टीमर

गंगा नदी में रेत की मात्र का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि पीएम मोदी के लिए प्रयागराज से आया 32 सीटर कवर्ड स्टीमर दो दिसंबर को परीक्षण के दौरान शुक्लागंज की तरफ बैराज के एक छोर से अटल घाट तक की एक किमी दूरी 23 मिनट में तय कर पाया। वहां गंगा नदी की गहराई दो फीट भी नहीं है। काफी रेत होने के कारण मोटर पानी नहीं खींच पा रही थी।

स्वच्छ भारत का हाल

1989 से हो रही सफाई में गंगा किनारे की बस्तियों के शौचालय अब याद आए हैं। आनन-फानन यह सर्वे हो रहा है कि कितने मकानों में एकल शौचालय हैं, कितने में सेफ्टी टैंक बन सकता है। अटल घाट के पास स्थित रानीघाट और तिवारी घाट पर ज्यादा फोकस है। तिवारी घाट में 215 और रानीघाट में 150 घरों में शौचालय नहीं हैं। मैगजीन घाट, बाबा घाट, कोयला घाट, भैरोघाट, परमट घाट, भगवतदास घाट की बस्तियों में सर्वे हो रहा है। तिवारी घाट पर लोगों ने शौचालय पर ताला डाल रखा है। यहां महिला जागृति मंच की टीम सर्वे करती मिली। परमट घाट में घरों के सीवर पाइप काटे जा रहे हैं।

नमामि गंगे का हाल

रानीघाट, मैगजीन घाट, तिवारी घाट, सरसैया घाट, डबकाघाट, गोला घाट, सत्तीचौरा व वाजिदपुर आदि नाले अब भी गंगा नदी में गिर रहे हैं। इन नालों का पानी डायवर्ट करने का प्रयास जारी है। रानी घाट और तिवारी घाट में पंप लगाकर नालों का अपशिष्ट सीवर लाइन में डाला जाएगा।

टेनरी बंद फिर भी उत्प्रवाह जारी

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दावा है कि टेनरियां बंद हैं, लेकिन जल निगम कह रहा है कि नौ एमएलडी क्षमता वाले टेनरी उत्प्रवाह शोधन प्लांट में 12 एमएलडी उत्प्रवाह जा रहा है।

नालों को बंद करने की कार्ययोजना

महाप्रबंधक, जल निगम, कानपुर एचसी कंछल ने बताया कि प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर नालों को अस्थायी तौर पर मोडऩे का काम किया जा रहा है। इन्हें स्थायी रूप से बंद करने की कार्ययोजना बनाई जा रही है।

स्टीमर चलाने के लिए बढ़ाया जा रहा है जलस्तर

नगर आयुक्त कानपुर और नोडल अफसर, नमामि गंगे अक्षय त्रिपाठी ने कहा कि गंगा का जलस्तर बढ़ाने के पीछे गंगा का हाल छिपाना कतई नहीं है। चूंकि प्रधानमंत्री के गंगा भ्रमण के दौरान चार-पांच स्टीमर और होंगे। जलस्तर कम होगा तो स्टीमर चलने में दिक्कत होगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.